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Tuesday, December 23, 2025
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चौधरी चरण सिंह की जयंती: रालोद कार्यकर्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती पर हवन कर दी श्रद्धांजलि

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  •  कहा- उम्र भर किसानों के हितों में कार्य करते रहे चौधरी साहब

शारदा रिपोर्टर मेरठ। उत्तर प्रदेश के महान किसान नेता और देश के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को आज देश याद कर रहा है। उनकी जयंती को राष्ट्रीय किसान दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश समेत देश भर में उनकी जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। यह बातें मंगलवार को राष्ट्रीय लोक दल के नेताओं ने कमिश्नरी चौराहा स्थित चौधरी चरण सिंह पार्क में किसान दिवस के मौके पर हवन के उपरांत कहीं।

 

 

उन्होंने बताया कि, चौधरी चरण सिंह ने अपने जीवन काल में हमेशा किसानों की बात की। उन्होंने कृषकों के हित को सर्वोपरि माना। भारत को गांवों का देश करार देते ग्रामीण व्यवस्था को बेहतर बनाने की बात कही। राजनीतिक हितों से इतर किसानों के लिए सबको साथ आने का आह्वान किया। आज के समय में उनके सुझाए मार्ग ही देश को प्रगति के पथ पर ले जाने में कामयाब होंगे। चौधरी चरण कहते थे कि देश की समृद्धि का रास्ता खेतों एवं खलिहानों से होकर गुजरता है। उन्होंने कहा कि, चौधरी चरण सिंह का एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में जन्म हुआ था।

चौधरी चरण सिंह ने आगरा विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। चौधरी चरण सिंह ने वर्ष 1928 में गाजियाबाद से वकालत की शुरुआत की। चौधरी चरण सिंह महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े। चौधरी चरण सिंह ने नमक सत्याग्रह में भाग लिया और जेल भी गए। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान किसानों और ग्रामीण समाज की समस्याओं को चौधरी चरण सिंह ने नजदीक से समझा। चौधरी चरण सिंह वर्ष 1937 में पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य बने।

 

 

उत्तर प्रदेश सरकार में चौधरी चरण सिंह कई बार मंत्री रहे। चौधरी चरण सिंह 1967 और 1970 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। उत्तर प्रदेश में भूमि सुधारों के प्रमुख सूत्रधार चौधरी चरण सिंह रहे। जोत अधिनियम, 1960 जैसे कानूनों के जरिए किसानों को जमीन पर अधिकार दिलाने में अहम भूमिका निभाई। कांग्रेस में बढ़ते भ्रष्टाचार और किसान विरोधी नीतियों के चलते चौधरी चरण सिंह पार्टी से अलग हो गए थे। चौधरी चरण सिंह ने भारतीय लोकदल की स्थापना की, जो बाद में जनता पार्टी का हिस्सा बनी। चौधरी चरण सिंह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक भारत के पांचवें प्रधानमंत्री रहे।

चौधरी चरण सिंह ऐसे पहले प्रधानमंत्री रहे, जिन्होंने संसद का सामना नहीं किया। चौधरी चरण सिंह राजनीतिक जीवन में एक भी चुनाव नहीं हारे। चौधरी चरण सिंह का प्रधानमंत्री कार्यकाल भले ही छोटा रहा, लेकिन किसान हितों को केंद्र में रखने की उनकी सोच प्रभावशाली रही। चौधरी चरण सिंह की पांच पुत्रियां और एक पुत्र अजीत सिंह रहे। चौधरी अजीत सिंह के पुत्र जयंत चौधरी वर्तमान समय में केंद्र सरकार में मंत्री हैं। महान किसान नेता चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत वर्ष 2024 में नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया।

 

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