- आजाद समाज सेना ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर किया सरकार के निर्णय का विरोध।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। पेट्रोल में एथेनॉल मिला कर बेचे जाने के भारत सरकार के निर्णय के विरोध में सोमवार को आजाद अधिकार सेना के दर्जनों सदस्य कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान उन्होंने एक ज्ञापन भारत सरकार को संबोधित करते हुए डीएम कार्यालय पर सौंपा।
ज्ञापन सौंप रहे सदस्यों ने बताया कि, विगत दिनों भारत सरकार द्वारा पेट्रोल में एथेनॉल मिला कर बेचे जाने के निर्णय से पूरी तरह अवगत हैं। इसमें मुख्य बात यह है कि भारत सरकार ने अब 20% एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल बेचने का निर्णय किया है। अर्थात अब जो भी पेट्रोल मिलेगा उसमें 20% एथेनॉल और 80% पेट्रोल होगा। भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय ने विभिन्न प्रेस नोट जारी कर यह साबित करने का प्रयास किया है कि, यह देशहित में है और इसमें कोई खतरा या नुकसान नहीं है।
इसके विपरीत यह बात से पूरी तरह स्पष्ट है कि, इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल से माइलेज 20% तक कम हो जाता है। इसके साथ ही वाहनों को भी विभिन्न प्रकार से क्षति पहुंचती है। इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल से पर्यावरण को भी नुकसान है। हमारे देश में वर्तमान समय में अधिकतम 10% एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल को खपाने वाली गाड़ियां ही उपलब्ध है। इसके बाद भी भारत सरकार जबरदस्ती अनिवार्य रूप से 20% एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल को बेच रही है। जिससे पर्यावरण, माइलेज और वाहन, तीनों को नुकसान है।
साथ ही यह भी देखने योग्य बात है कि जहां एथेनॉल पेट्रोल से सस्ता होता है और विदेशों में जहां भी एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल बिक रहा है। वह 100% पेट्रोल से सस्ता होता है। वहीं, भारत में एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का दाम भी 100% पेट्रोल के बराबर है। अर्थात यह किसी भी प्रकार से सस्ता भी नहीं किया गया।
इसलिए आजाद अधिकार सेना यह मांग करती है कि, वर्तमान समय में 20% एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल बेचे जाने को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए और इस प्रत्यावेदन में अंकित तथ्यों की संबंधित क्षेत्र के उच्चस्तरीय तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति बनाकर निष्पक्ष जांच कराते हुए उस समिति की संस्तुति के आधार पर ही इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के बेचे जाने के संबंध में ही कोई निर्णय लिया जाए।