Sunday, June 15, 2025
Homeउत्तर प्रदेशLucknowकोरोना को लेकर घबराने की जरूरत नहीं!

कोरोना को लेकर घबराने की जरूरत नहीं!

– न ही लगवाएं बूस्टर डोज, केजीएमयू के अध्ययन में निकला ये निष्कर्ष

लखनऊ। कोरोना के मामले एक बार फिर मिलने लगे हैं। ऐसे में अगर आपने वैक्सीन की दो खुराक ली है तो घबराने की जरूरत नहीं है। आपको तीसरी खुराक लेने की जरूरत भी नहीं है। आपके शरीर में कोविड-19 वायरस के खिलाफ पर्याप्त एंटीबॉडी हैं। एल्सेवियर से प्रकाशित केजीएमयू के साझा अध्ययन में यह निष्कर्ष निकला है।

अप्रैल से सितंबर 2023 के बीच हुए इस अध्ययन में लखनऊ समेत आसपास के 10 जनपदों के 7643 निवासियों को शामिल किया गया। इनमें से 643 में सेलुलर एंटीबॉडी और 7000 में ह्यूमरल एंटीबॉडी की जांच की गई। सेलुलर एंटीबॉडी वालों में पांच से 12 वर्ष के 139 बच्चे, 13 से 17 वर्ष के 75 किशोर थे। बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी थी।

ह्यूमरल एंटीबॉडी वाले समूह में सभी शामिल थे। इनके खून के नमूने लेकर एंटीबॉडी जांची गई। इसमें देखा गया कि बच्चों में एंटीबॉडी का स्तर कम था। पहली के बाद दूसरी डोज लेने के बाद एंटीबॉडी का स्तर बढ़ा था। दो डोज लेने वालों में एंटीबॉडी की मात्रा काफी ज्यादा थी। वहीं, दूसरी के बाद तीसरी खुराक लेने वालों में एंटीबॉडी की मात्रा में नाममात्र ही वृद्धि देखने को मिली। ऐसे में दो खुराक ले चुके लोगों को तीसरी खुराक लेने की जरूरत नहीं है।

केजीएमयू के संक्रामक रोग प्रभारी डॉ. डी हिमांशु ने बताया कि ह्यूमरल और सेलुलर प्रतिरक्षा (एंटीबॉडी) शरीर की दो मुख्य प्रतिरक्षा प्रणाली हैं। ये शरीर को रोगजनक और अन्य खतरों से बचाने के लिए एक साथ काम करती हैं। ह्यूमरल प्रतिरक्षा एंटीबॉडी का उत्पादन करने के लिए बी कोशिकाओं पर निर्भर करती है। सेलुलर प्रतिरक्षा वायरस और बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए टी कोशिकाओं के माध्यम से एंटीबॉडी को सक्रिय करती हैं। वायरस को खत्म करने के लिए बी कोशिकाओं को उसके ऊपर चिपकना पड़ता है। वहीं, सी कोशिकाएं वायरस या बैक्टीरिया को लंबे समय तक उसके संपर्क में आते ही खत्म करती रहती हैं।

कोवीशील्ड, कोवॉक्सीन में समान परिणाम

अध्ययन में शामिल लोगों ने कोवीशील्ड और कोवॉक्सीन लगवाई थी। जांच करने पर दोनों में एंटीबॉडी का स्तर समान मिला। इससे साफ है कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि आपने कौन सी वैक्सीन लगवाई थी।

अध्ययन में ये रहे शामिल

केजीएमयू से डॉ. गीता यादव, डॉ. डी हिमांशु, डॉ. हरदीप सिंह मल्होत्रा, डॉ. अमिता जैन, डॉ. श्रुति रडेरा, डॉ. अनिल कुमार वर्मा, डॉ .शैलेंद्र यादव, डॉ. नीरज कुमार। इसके अलावा स्वास्थ विभाग के राज्य सर्विलांस अधिकारी विकासेंदु अग्रवाल। कनाडा की मैनिटोबा यूनिवर्सिटी से रवि प्रकाश, उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट से जॉन एंथोनी, परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय से अनुज त्रिपाठी।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Recent Comments