- बैठक कर लखनऊ पहुंचने का लिया निर्णय।
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। निजीकरण के विरोध में पिछले छह माह से आंदोलन कर रहे बिजली कर्मचारियों ने 22 जून को लखनऊ में महापंचायत का एलान किया है। महा पंचायत में 87 अभियंताओं को नोटिस का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया जाएगा। महापंचायत में उपभोक्ता व किसानों के संगठन भी पहुंचेंगे। महापंचायत में निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन की नई दिशा तय की जाएगी।
संघर्ष समिति मेरठ के पदाधिकारियों ने इंजीनियर सीपी सिंह, इंजीनियर कृष्ण कुमार सारासश्वत, इंजीनियर निखिल कुमार, इंजीनियर. निशान्त त्यागी, इंजीनियर. प्रगति राजपूत, कपिल देव गौतम, जितेन्द्र कुमार, विवेक सक्सेना, प्रदीप डोगरा आदि एवं जूनियर इंजीनियर संगठन के पदाधिकारियों राम आशीष कुशवाहा, गुरुदेव सिंह, रविंद्र कुमार, प्रेम पाल सिंह, अश्वनी कुमार आदि ने बताया कि 22 जून को लखनऊ में होने वाली महापंचायत को बिजली के निजीकरण से प्रभावित होने वाले सबसे प्रमुख स्टेकहोल्डर्स किसानों, आम गरीब एवं मध्यमवर्गीय घरेलू उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों के संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी सम्बोधित करेंगे।
इस महापंचायत में निजीकरण हेतु पावर कापोर्रेशन प्रबंधन द्वारा दिए जा रहे झूठे आंकड़ों का पदार्फाश करते हुए एक श्वेत पत्र जारी किया जाएगा। निजीकरण के बाद उड़ीसा,चंडीगढ़, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, आगरा में उपभोक्ताओं को होने वाली कठिनाइयों और बिजली कर्मियों की दुर्दशा से माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को और प्रदेश सरकार को अवगत कराने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि, आने वाली 22 जून की महापंचायत में यह भी निर्णय लिया जाएगा कि, ऐसी महापंचायत तत्काल वाराणसी, आगरा, मेरठ और प्रदेश में अन्य प्रमुख स्थानों पर की जाएगी। संघर्ष समिति ने बताया कि महापंचायत के लिए किसानों और उपभोक्ताओं के सभी प्रमुख संगठनों से बातचीत हो चुकी है। बिजली कर्मचारियों के सभी प्रमुख संगठनों से बातचीत हो गई है। महापंचायत में निजीकरण के विरोध में संयुक्त रूप से आंदोलन चलाने की रणनीति का खुलासा किया जाएगा। पूर्वांचल एमडी द्वारा 6 अभियंताओं के किए गए स्थानांतरण के विरोध में 72 घंटे की नोटिस दिया है। यदि आदेश निरस्त नहीं किया तो विरोध किया जाएगा।