भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा बोले- 50 साल में जो नहीं हो सका वो इस बार हुआ।
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान में सीजफायर लागू हो गया है। इसके बाद भाजपा ऑपरेशन सिंदूर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही है। संबित पात्रा ने इस दौरान भारतीय सशस्त्र बलों को जमकर सराहा। उन्होंने कहा, ‘आज भाजपा, पार्टी कार्यकर्ता और देश के नागरिक सुरक्षा बलों का धन्यवाद करते हैं, जिनकी वजह से ऑपरेशन सिंदूर सफल हुआ है।’
भाजपा ने ऑपरेशन सिंदूर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस दौरान भारतीय सशस्त्र बलों को जमकर सराहा। प्रवक्ता संबित पात्रा बोले पहलगाम आतंकी हमले के बाद पीएम ने वादा किया था कि हम 26 लोगों की मौत का बदला लेंगे। हमने ऐसा कर दिखाया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में संबित पात्रा ने आगे अपने लक्ष्यों पर भी बात की।
उन्होंने आगे कहा, पहलगाम आतंकी हमले के बाद पीएम ने वादा किया था कि हम 26 लोगों की मौत का बदला लेंगे। पीएम ने कहा था कि बदला दुश्मन की कल्पना से परे होगा और ऐसा ही हुआ। उन्होंने यह भी कहा था कि ‘मिट्टी में मिलाएंगे’ और ‘घुस के मारेंगे’ हमने वही किया।
‘आतंकी स्थल मलबे में तब्दील हो जाएं’
संबित पात्रा ने आगे ये भी कहा, पीएम मोदी के फैसले और हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी ने सुनिश्चित किया कि आतंकी स्थल मलबे में तब्दील हो जाएं… 22 अप्रैल से 7 मई तक देश में तनाव का माहौल था, तुरंत कार्रवाई की मांग थी। अतीत में सर्जिकल स्ट्राइक के बावजूद पाकिस्तान को अंदाजा नहीं था कि उस पर कब हमला होगा।’
भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों से सीधे बात की। चर्चा इस बात पर केंद्रित रही कि पाकिस्तान को कैसे अलग-थलग किया जाए? आतंकवाद के खिलाफ कैसे लड़ा जाए? और सबसे बड़ी बात ये कि इन सभी देशों ने भारत के प्रति अपना समर्थन जताया। सऊदी अरब, यूएई, अमेरिका, जरा सोचिए, सऊदी अरब और यूएई जैसे इस्लामिक दुनिया के बड़े देशों ने भारत को अपना पूरा समर्थन दिया।’
पाकिस्तान भुगतेगा खामियाजा: संबित पात्रा
संबित पात्रा ने आगे, सिंधु नदी पर भी बात की। उन्होंने कहा, पानी और खून एक साथ नहीं बहेगा। 50 सालों तक जो संभव नहीं हुआ था, वो इस बार संभव हुआ। किसी भी युद्ध में सिंधु नदी के पानी को रोका नहीं गया था, ये असंभव काम इस बार संभव हुआ। अटारी वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया गया। दोनों देशों के बीच कोई ट्रेड नहीं होगा और इसका खामियाजा पाकिस्तान की इकोनॉमी भुगतेगी।