Monday, July 7, 2025
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पीएम मोदी ने पराक्रम दिवस पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को दी श्रद्धांजलि

एजेंसी नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को पराक्रम दिवस के अवसर पर महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि सरकार उस भारत के निर्माण की दिशा में काम कर रही है, जिसकी उन्होंने कल्पना की थी।

सरकार ने साल 2021 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा आज पराक्रम दिवस के अवसर पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान अद्वितीय है. वह साहस और धैर्य के प्रतीक हैं। उनका दृष्टिकोण हमें प्रेरित करता है और हम उस भारत के निर्माण की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसकी उन्होंने कल्पना की थी।

एक अन्य पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह पूर्वाह्न करीब 11:25 बजे पराक्रम दिवस कार्यक्रम में अपना संदेश साझा करेंगे.उन्होंने कहा यह दिन हमारी आने वाली पीढ़ियों को चुनौतियों का सामना करने के वास्ते सुभाष बाबू की तरह साहस को अपनाने के लिए प्रेरित करे।
मोदी ने कहा कि आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्मजयंती के पावन अवसर पर पूरा देश श्रद्धापूर्वक उन्हें याद कर रहा है। मैं नेताजी सुभाष बाबू को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के पराक्रम दिवस का भव्य उत्सव नेताजी की जन्मभूमि पर हो रहा है। मैं ओडिशा की जनता को, ओडिशा सरकार को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मोदी ने कहा कि कटक में नेताजी के जीवन से जुड़ी एक विशाल प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी में नेताजी के जीवन से जुड़ी अनेक विरासतों को एक साथ सहेजा गया है। कई चित्रकारों ने कैनवास पर नेताजी के जीवन प्रसंग की तस्वीरें उकेरी हैं।

उन्होंने कहा कि इन सबके साथ नेताजी पर आधारित कई पुस्तकों को भी इकट्ठा किया गया है। नेताजी की जीवन यात्रा की ये सारी विरासत ‘मेरे युवा भारत’ को एक नई ऊर्जा देगी। उन्होंने कहा कि आज जब हमारा देश विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में जुटा है, तब नेताजी सुभाष के जीवन से हमें निरंतर प्रेरणा मिलती है।

उन्होंने कहा कि आज विश्व मंच पर भारत की भूमिका बढ़ रही है, भारत की आवाज बुलंद हो रही है। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनेगा। हमें नेताजी सुभाष की प्रेरणा से ‘एक लक्ष्य-एक ध्येय’ विकसित भारत के लिए निरंतर काम करते रहना है।

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