– इंडिया गठबंधन में ममता बनर्जी की अगुवाई से पार्टी को नहीं एतराज,
लखनऊ। इंडिया गठबंधन का नेतृत्व तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी को दिए जाने पर सपा को एतराज नहीं है। चुनावों में कांग्रेस की लगातार हार के बाद इंडिया गठबंधन में अंतर्विरोध बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि संसद के अंदर भी सपा-कांग्रेस विभिन्न मुद्दों पर मजबूती से एक साथ नहीं दिख रहे हैं। सपा सदन के भीतर भी उसे भरोसे में न लेने का अंदरखाने आरोप लगा रही है।
सपा नेताओं का कहना है कि संभल मामले में उसके सांसद पर मुकदमे दर्ज किए जाने का कांग्रेस ने उस तरह विरोध नहीं किया जैसी उससे अपेक्षा थी। बताते हैं कि लोकसभा में फैजाबाद (अयोध्या) के सपा सांसद अवधेश प्रसाद की सीट पीछे होने पर भी दोनों दलों के रिश्तों में असहजता पैदा हुई है। सपा का मानना है कि सीटिंग प्लान पर बात के समय कांग्रेस ने उसे भरोसे में नहीं लिया। वहीं, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सदन में अदाणी मामले में उसे सपा का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।
रिश्तों में खटास का ही नतीजा है कि सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने कहा कि ममता बनर्जी वरिष्ठ नेता हैं। पार्टी हाईकमान भी यही चाहता है कि इंडिया गठबंधन का नेतृत्व ममता बनर्जी करें। सपा के प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल भी कह चुके हैं कि वे राहुल गांधी को इंडिया गठबंधन का नेता नहीं मानते हैं। इंडिया गठबंधन की समन्वय समिति में शामिल सपा के एक नेता बताते हैं कि कांग्रेस गठबंधन को लेकर गंभीर नहीं है। उसके नेता चुनाव के वक्त ही सक्रिय होते हैं जिससे जनाधार नहीं बढ़ता। ऐसे में बेहतर होगा कि गठबंधन का नेतृत्व ममता बनर्जी करें। भाजपा को मात देने के लिए रणनीति के साथ जनता के बीच लगातार जुटे रहने की जरूरत है।