मेरठ- पश्चिमी उत्तर प्रदेश के समृद्ध ऐतिहासिक विरासत वाले मेरठ कॉलेज मेरठ ने पुनः सरस्वती महिला छात्रावास को प्रारंभ करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि कभी मेरठ कॉलेज जो कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से भी छह दशक पुराना है इसमें कभी छह हॉस्टल संचालित थे और आसपास के गांव कस्बों के सैकड़ो गरीब विद्यार्थी बहुत ही कम शुल्क पर इन हॉस्टलों में रहकर अध्ययन करते थे और अपने जीवन को सफल बनाते थे।
यह सभी हॉस्टल समय के साथ-साथ धीरे-धीरे भवनों की मरम्मत न होने के कारण जर्जर होते गए और कॉविड के दौरान संपूर्ण रूप से बंद हो गए थे। मेरठ कॉलेज मेरठ के प्रबंध तंत्र के सचिव विवेक कुमार गर्ग ने बताया कि सरस्वती महिला छात्रावास जो की मेरठ के सुपरिंटेंडेंट ऑफ़ पुलिस के आवास के सामने ही स्थित है पुनः प्रारंभ किया जा रहा है। इसके रजिस्ट्रेशन खोल दिए गए हैं और भवन की मरम्मत एवं पुताई का कार्य पूर्ण होने को है।
विवेक कुमार गर्ग ने आगे बताया कि इस सरस्वती महिला छात्रावास में 80 छात्राओं के आवास की व्यवस्था की गई है। हॉस्टल में कक्ष पाने के लिए छात्राएं रजिस्ट्रेशन कर रही है। पुलिस हाउस के सामने स्थित होने के कारण यह सर्वाधिक सुरक्षित छात्रों का हॉस्टल साबित होगा। मेरठ कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार रावत एवं सचिव प्रबंध कार्यकारिणी विवेक गर्ग ने हॉस्टल के परिसर का आकस्मिक निरीक्षण किया और बिजली पानी सुरक्षा सफाई इत्यादि का जायजा लिया।
उल्लेखनीय है की सचिव प्रबंध कमेटी मेरठ कॉलेज विवेक कुमार गर्ग का यह क्रांतिकारी प्रयास है। इससे आसपास के गरीब ग्रामीण छात्राओं को सुरक्षित रहने की जगह मिलेगी और शिक्षा के क्षेत्र में यह मेरठ कॉलेज का एक योगदान होगा। प्राचार्य डॉ मनोज कुमार रावत ने बताया कि वर्तमान सत्र के लिए एक छात्रा की फीस 16000 रुपए वार्षिक है और अगले सत्र से यह राशि ₹20000 वार्षिक हो जाएगी। यहां उल्लेखनीय तथ्य है कि वर्तमान सत्र के प्रारंभ से ही मेरठ कॉलेज के छात्र-छात्राएं हॉस्टल दोबारा खोलने की मांग को लेकर समय-समय पर आंदोलन करते रहे हैं।
नए प्रबंध तंत्र के द्वारा सरस्वती महिला छात्रावास खोल जाना एक ऐतिहासिक कदम है। यह सूचना मेरठ कॉलेज के प्रेस प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी प्रोफेसर चंद्रशेखर भारद्वाज ने दी।