बुलंदशहर- यूपी के बुलंदशहर में अपनी विधवा मां के साथ हैवानियत करने वाले दोषी को बुलंदशहर की फास्ट ट्रैक कोर्ट नें उम्रकैद की सजा सुनायी है। तथा 50000 रूपए का आर्थिक दण्ड भी लगाया है। 19 महीने पहले आबिद (40) की मां जंगल में चारा लाने के लिए गयी थी। उसी दौरान सुनसान जगह का फायदा उठाकर आबिद ने अपनी विधवा मां के साथ रेप किया। पीड़ित मां (50) ने घर आकर घटना की पूरी जानकारी अपने छोटे बेटे को दी।
जिसके बाद पीड़िता के छोटे बेटे ने बुलंदशहर कोतवाली देहात में अपने बड़े भाई (रेपिस्ट) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायी। एफआईआर के बाद पुलिस ने आरोपी आबिद को गिरफ्तार कर लिया। जिसके 19 महीने बाद जज वरूण निगम की अदालत ने उम्रकैद की सजा का फैसला सुनाया है।
मां को बीवी की तरह रखना चाहता था
पीड़िता ने बताया कि उसके पति की मौत हो गयी थी। इसीलिए आबिद यह चाहता था कि वह उसके साथ उसकी बीवी की तरह रहे। उसे कई बार समझाया भी गया, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ा रहता था। इसी जिद की वजह से आखिरकार उसने इस हैवानियत को अंजाम दिया।
19 महीनों में फास्ट जजमेंट
कोर्ट ने महज 19 महीनों में ऐतिहासिक फैंसला सुनाया है। ADGC क्राइम विजय कुमार ने बताया “मेडिकल रिपोर्ट और पीड़िता के बयान के आधार पर कोर्ट ने दोषी बेटे के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। यह सब पुलिस जांच और सरकारी लीगल टीम की वजह से महज 19 माह में आरोपी को सजा तक पहुंचाना संभव हो सका है”
एएसएसपी श्लोक कुमार सिंह ने बताया कि ऑपरेशन कनविक्शन के तहत यूपी में सर्वाधिक सजा जनपद बुलंदशहर में सुनाई गई है। यहां कई अपराधियों को फांसी से लेकर उम्रकैद तक की सजा कई मामले में सुनाई गई है। सबकुछ पुलिस के न्यायालय में सतत पैरवी और सरकारी लीगल टीम के प्रयासों से संभव हुआ है। ऐसे मामलों में सजा सुनाए जाने से अपराधियों में खौफ पैदा होगा। कानून व्यवस्था को लेकर सवाल नहीं उठेंगे।