शारदा रिपोर्टर मेरठ। महर्षि वाल्मीकि सेना ने बुधवार को प्रधानमन्त्री, मुख्यमंत्री के नाम डीएम को एक ज्ञापन सौंपकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण में वर्गीकरण को लेकर दिए गए आदेश पर खुशी जताते हुए आभार जताया। बाल्मीकि समाज व महर्षि वाल्मीकि सेना ने धन्यवाद करते हुए प्रधानमंत्री से केन्द्रीय सेवाओं में वर्गीकरण कर इसका लाभ वंचित वाल्मीकि समाज को दिए जाने की मांग की।
वाल्मीकि समाज महर्षि वाल्मीकि सेना के पदाधिकारी और कार्यकतार्ओं ने बुधवार को मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश आरक्षण में वर्गीकरण तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए और लागू करने से पहले कोई भी भर्ती न की जाए। उन्होंने कहा कि आरक्षण की लड़ाई उत्तर प्रदेश में सर्वप्रथम महर्षि वाल्मीकि सेना संस्थापक अध्यक्ष पूर्व मंत्री स्वर्गीय रामचंद्र वाल्मीकी ने सड़क से लेकर सदन तक लड़ी थी।
वाल्मीकि प्रथक आरक्षण के लिए पूर्व मंत्री स्वर्गीय रामचन्द्र वाल्मीकि लगातार बड़ी जनसभाएं की देश व उत्तर प्रदेश में बड़े बड़े सम्मेलन भी किये थे। उनपर लाठी चार्ज हुआ जेल भरो आंदोलन भी चलाये संघर्ष के बाद तब जाकर यह आरक्षण 2001 में तत्कालीन भाजपा सरकार राजनाथ सिंह के मुख्यमंत्री काल में लागू हुआ था। वाल्मीकि समाज के संगठन के लोगों ने कहा कि मायावती की सरकार आई, उसने इस आरक्षण पर रोक लगाई। यह मामला कोर्ट में चला गया उसके बाद दूसरी बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2018 में वंचित वर्ग को आरक्षण देना चाहा लेकिन किन्हीं कारणों से उस पर रोक लग गई।
उन्होंने कहा कि तीसरी बार कोर्ट ने इस पर निर्णय दिया कि सभी वंचित वर्ग को उनके हक अधिकार मिलने चाहिए। आरक्षण में आरक्षण होना चाहिए, उसके बाद जो लोग संपन्न हो गए हैं या आगे बढ़ गए हैं। उन लोगों को अब वंचितों का हक और अधिकार ना मिले। अब जब सुप्रीम कोर्ट ने भी यह निर्देश दिए है। अति शीघ्र इसे लागू कर देना चाहिए। वाल्मीकि समाज को अलग आरक्षण देकर ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय का सपना साकार होगा, विकसित भारत की संकल्पना को बल मिलेगा।
इस दौरान महर्षि वाल्मीकि सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौतम रामचन्द्र वाल्मीकि, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजू रोदिया जी, बिजन्द्र सिंह, राजेश चौहान, सुमित कुमार, प्रवीण गहलौत, मनोज खोबे आदि मौजूद रहे।