आरोप : निजी संपत्ति पर चल रहा सुजान सिंह बीएड कालेज, विवि खामोश
शारदा रिपोर्टर मेरठ। सूरजकुंड स्थित पंडित सुजान सिंह बीएड कालेज और रामा कालेज आफ एजूकेशन के फर्जीवाड़े को लेकर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बुधवार को कालेज पहुंचा और फोटोग्राफी की। जांच दल का कहना है कि कालेज की पृष्ठभूमि फर्जीवाड़े पर टिकी है। जिस जमीन पर कालेज दिखाया गया है वहां कालेज नहीं है बल्कि निजी मकान है।
बीते दिनों विवि की कार्यपरिषद की बैठक में पंडित सुजान सिंह बीएड कॉलेज व रामा कॉलेज आॅफ एजूकेशन का मुद्दा छाया रहा। शिकायतकर्ता ने भूमिहीन बीएड कॉलिजों पर कार्रवाई की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने गंभीर आरोप लगाए गए कि 356 वर्ग मीटर के आवासीय भवन में बीएड कॉलेज संचालित कर छात्र एवं छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।
आपको बता दें कि मेरठ का सबसे पुराना बीएड डिग्री कॉलेज पंडित सुजान सिंह डिग्री कॉलेज 356 वर्ग मीटर में आज तक चल रहा था पिछले 24 साल से 200 बीएड के अभ्यर्थी इस 356 वर्ग मीटर में अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे थे और तो और जो 356 वर्ग मीटर जगह में बीएड कॉलेज चलता हुआ दशार्या गया है वहां पर स्वर्गीय मदन मोहन शर्मा की निजी संपत्ति है जिस पर दो मंजिला भवन बने हुए हैं और दो परिवार निवास कर रहे हैं इस भवन के मुख्य मार्ग की ओर नो दुकान भी बनी हुई है, जिनका व्यावसायिक प्रयोग हो रहा है। 24 साल तक यह घोटाला चला रहा और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का प्रशासन इसे बाकायदा 24 वर्ष तक बीएड की 200 सीट की मान्यता देता रहा और 200 अभ्यर्थी इस कॉलेज से अपनी डिग्री लेकर अन्य कॉलेज में बच्चे पढ़ने के लिए निकलते रहे, लेकिन चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय प्रशासन 24 साल तक गहरी नींद में सो रहा है अब जब इस कॉलेज की शिकायत की गई तो एक जांच समिति गठित की गई, जिसमें जांच समिति ने भी यह पाया कि पंडित सुजान सिंह डिग्री कॉलेज पूर्ण रूप से फर्जी है किंतु विवि प्रशासन की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की गई।
कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने इस घोटाले की जांच के लिये तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया। इसमें प्रोफेसर हरी भाऊ गोपीनाथ खांडेकर को संयोजक, सीसीएसयू के गणित विभाग के प्रोफेसर शिव राज सिंह और मेरठ कालेज की शिक्षा विभाग की डाक्टर मीनाक्षी शर्मा को सदस्य नियुक्त किया गया। इस कमेटी ने एक साल बाद अपनी रिपोर्ट सीसीएसयू सौंप दी जिसमें बीएड कालेज को मानक पूरे न करने का दोषी पाया।
बुधवार को बारिश के बीच तीन सदस्यीय दल फिर से कालेज की जांच करने पहुंचा और फोटोग्राफी। जांच दल के सदस्य प्रोफसर शिवराज सिंह ने बताया कि विवि में काफी गड़बड़ियां है और जिस जगह पर कालेज को दिखाया गया है वहां कालेज नहीं है।