मेरठ: अवैध कॉलोनियों में लोन देना पड़ेगा भारी,होगी एफआईआर, पढ़िए पूरी खबर


शारदा न्यूज़, संवाददाता।


मेरठ। अब नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) को अवैध कॉलोनियों के लिए लोन देना या मकान के लिए ऋण देना भारी पड़ेगा। मेडा उपाध्यक्ष ने पत्र लिखकर हिदायत दी है कि अवैध कॉलोनियों से मेडा को आर्थिक क्षति पहुंच रही है। अनियोजित विकास को बढ़ावा मिल रहा है। ऐसे में इन कॉलोनियों व इनमें मकान, दुकान निर्माण के लिए आर्थिक मदद या वित्त पोषण करना किसी भी संस्था के लिए सही नहीं है।

 

 

 

 

दरअसल उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि एनबीएफसी के तहत एलआईसी,  हाउसिंग फाइनेंस लि.,  पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस प्रा. लि., टाटा कैपिटल फाइनेंस प्रा. लि.,  पीरामल हाउसिंग फाइनेंस लि.,  इंडिया बुल्स होम लोन प्रा.लि.,  पूनावाला हाउसिंग फाइनेंस प्रा.लि.,  आधार हाउसिंग फाइनेंस प्रा. लि.,  को पत्र भेजा गया है।

 

उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि इन संस्थाओं को सख्त निर्देश दिया गया है कि प्राधिकरण क्षेत्रांतर्गत निर्माण को पहले परख लिया जाए कि यह प्राधिकरण से स्वीकृत है या नहीं। फिर ऐसी संस्थाएं लोन दें। अगर निर्माण अवैध है, तलपट मानचित्र प्राधिकरण से स्वीकृत नहीं है और उसे लोन दे दिया गया है तो प्राधिकरण संबंधित संस्था के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगा। कठोरतम कार्रवाई के लिए विभागीय कार्रवाई व उच्चाधिकारियों से भी पैरवी की जाएगी।

 

 

शहर में 360 अवैध कॉलोनियां

मेडा की ओर से अवैध कॉलोनियों व अनाधिकृत निर्माण के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे कई मामले भी प्राधिकरण उपाध्यक्ष के सामने पहुंचे,जिसमें बिल्डर ने बिना तलपट मानचित्र स्वीकृत कराए संपत्ति बेच दी और आवंटी की पूंजी फंस गई। मेडा ने मुख्य द्वार पर ही ऐसी कॉलोनियों में संपत्ति न लेने की अपील की है। प्राधिकरण ने एमडीए मेरठ की अपनी वेबसाइट पर 360 अवैध कॉलोनियों का भी ब्योरा सार्वजनिक किया हुआ है।

 

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