मवाना तहसील के ग्राम जई में कब्रिस्तान की जमीन पर कब्जा
मवाना तहसील के ग्राम जई में कब्रिस्तान की जमीन पर कब्जा

– तहसीलदार कोर्ट ने बेदखली आदेश के साथ लगाया करीब 19 लाख का अर्थ दंड


शारदा रिपोर्टर

मेरठ। मवाना तहसील के ग्राम जई में सरकारी (खाद के गड्ढे और कब्रिस्तान) जमीन पर कब्जा है। इस मामले में तहसीलदार कोर्ट में चली सुनवाई और जांच के बाद कब्जेदार को तत्काल कब्जे से बेदखल करने के साथ ही 18,72,000 रुपये का अर्थदंड लगाते हुए वसूली के आदेश दिए हैं। लेकिन कब्जाधारक का कब्जा अभी तक न केवल बना हुआ है, बल्कि शिकायतकर्ता को भी उसने मारपीट कर घायल कर दिया।

जई गांव में जैबास अली पुत्र नूर मौहम्मद उर्फ नोला की दबंगई के आगे पुलिस प्रशासन भी फेल नजर आ रहा है। जैबास अली ने खसरा नंबर 526 जिसका रकबा 1.1670 हेक्टेयर है और सरकारी अभिलेखों में खाद के गड्ढों के रूप मे ंदर्ज है, उस पर कब्जा किया हुआ है। इसके अलावा जैबास ने खसरा नंबर 527 जिसका रकबा 0.1520 हेक्टेयर है, में से 201.60 वर्गमीटर जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।

जैबास करीब 15 सालों से इस जमीन पर काबिज है। इसके अलावा उसने निजी जमीनों पर भी कब्जा किया हुआ है। सरकारी जमीन पर कब्जे की हारून पुत्र अरशद और इजाज पुत्र अलीशेर ने तहसील में शिकायत की थी। जिस पर कई बार जांच हुई। यही नहीं 2021 में लेखपाल द्वारा अवैध कब्जा बताते हुए जैबास को बेदखल करने की संस्तुति भी अपनी जांच रिपोर्ट में की गई।

जब इतनी जांच के बाद भी जैबास ने जमीन से कब्जा नहीं हटाया, तो मामला तहसीलदार कोर्ट में चला गया। जहां पर सुनवाई के बाद 31 जनवरी को तहसीलदार आकांक्षा जोशी ने दोनों पक्षों को सुनने और लेखपाल की जांच रिपोर्ट के आधार पर जैबास द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा होना पाया। जिसके लिए उन्होंने तत्काल जैबास को खाद के गड्ढों और कब्रिस्तान की जमीन के एक हिस्से पर किए कब्जे को तत्काल हटवाते हुए बेदखली के आदेश दिए। इसके अलावा करीब दस वर्ष से कब्जा होना मानते हुए ब्याज सहित 18,72,000 रुपये की वसूली भी किए जाने के आदेश दिए।

अभी भी बना हुआ है कब्जा

ग्रामीणों के अनुसार तहसीलदार भले ही बेदखली के आदेश दे चुकी हों, लेकिन जैबास का कब्जा अभी भी जमीन पर बना हुआ है। तहसील प्रशासन से कोई भी अभी तक कब्जा हटवाने या कोई कार्रवाई करने नहीं आया है। जिस कारण जैबास के हौसले बुलंद है।

फिर की गई शिकायत

इस मामले में क्षेत्र पंचायत सदस्य इरशाद और पूर्व शिकायतकर्ता इजाज ने एसडीएम मवाना ने जैबास का सरकारी जमीन से कब्जा हटवाने और अर्थदंड की वसूली करने के लिए पत्र लिखा है। ,

निजी जमीनों पर भी करता है कब्जा

ग्रामीणों के अनुसार जैबास ब्याज पर पैसे देने का काम करता है और दबंग किस्म का व्यक्ति है। यदि कोई उधारी देने में देर कर देता है, तो वह उसकी जमीन या मकान पर कब्जा कर लेता है। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट करता है। हाल ही में गांव का ही इरशाद पुत्र खुर्शीद अपनी जमीन की पैमाइश करा रहा था। जिसमें जैबास का कब्जा सामने आया। जब इरशाद ने विरोध किया तो जैबास ने अपने साथियों के साथ उस पर जानलेवा हमला करते हुए सिर में धारदार हथियार से हमला कर घायल कर दिया। इस मामले में में जैबास जेल गया और जमानत पर बाहर है। वहीं उसके परिवार के दो लोगों के नाम पुलिस ने एक मंत्री के दबाव में चार्जशीट से बाहर कर दिए। मुकदमा अभी ट्रायल पर है, लेकिन आरोप है कि जैबास गवाहों को धमकाता रहता है।

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