Friday, September 12, 2025
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मथुरा: वृंदावन में यमुना का कहर, घरों में कमर तक पहुंचा पानी

– एक बार फिर रिकॉर्ड तोड़ने को आतुर कालिंदी, बाढ़ के पानी से शवयात्रा लेकर निकले लोग

मथुरा। वृंदावन में कालिंदी का कहर वर्ष 2023 के रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए आतुर है। कुछ हिस्से में वर्तमान में 2023 से ज्यादा पानी पहुंच गया है। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और अब यह सड़कों से होता हुआ लोगों के घरों में कमर तक आ गया है। जहां एक ओर परिक्रमा मार्ग का आधा रास्ता यमुना के पानी में डूबा है तो अब पानी कात्यायनी माता के मंदिर तक पहुंच गया है। मंदिर में पानी के प्रवेश करने से अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार पिछला रिकॉर्ड टूट सकता है। गौरतलब है कि हथिनीकुंड और ओखला बैराज से लगातार छोड़े जा रहे यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण जनजीवन बेहाल है। खादर की कॉलोनियों के बाद अब बाजारों में यमुना के पानी ने कूच करना शुरू कर दिया है।

यमुना का पानी कात्यायनी मंदिर तक पहुंच गया है। ज्ञान गुदड़ी में भी चार फीट तक पानी भर गया है। प्रमुख घाटों तो पहले से ही लबालब हो रहे थे कि ऐसे में प्रशासन ने एहतियातन यमुना घाटों की ओर जाने वाले कई मार्ग पर बैरियर लगा दिए हैं। नावों से आवाजाही हो रही है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से घर खाली करने की अपील की जा रही है। 2500 से अधिक लोगों को अब तक निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया जा चुका है। जहां भोजन, चिकित्सा और रहने की व्यवस्था की गई।

कालिदह, केसी घाट, शृंगारवट, बारहघाट, मोहिनी नगर, भक्ति विहार, श्रीजी वाटिका, अक्रूरधाम, केशव धाम, देवरहा बाबा, पानीगांव आदि क्षेत्र बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। यहां की विद्युत आपूर्ति के साथ-साथ पानी की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है।
जिलाधिकारी सीपी सिंह का कहना है कि यमुना का जलस्तर बढ़ा है, लेकिन प्रशासनिक टीमें अपनी ओर से पूरा कार्य कर रही हैं। राहत केंद्रों पर खाने से लेकर पशुओं के हरे चारे का भी पूरा इंतजाम किया जा रहा है। किसी कोई परेशानी हो तो वह पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को सूचित कर सकता है।

विशेष आरती कर की यमुना महारानी से शांत होने की प्रार्थना

वृंदावन परिक्रमा मार्ग में पहुंचे यमुना के पानी के बाद प्राचीन सिद्धस्थली सुदामा कुटी में श्रीराधाकृष्ण के स्वरूप को नौका विहार कराकर विशेष आरती का आयोजन किया गया। इसमें सैकड़ों श्रद्धालु सम्मिलित हुए। इससे पूर्व नाभापीठाधीश्वर सुतीक्ष्णदास महाराज ने यमुना महारानी का पूजन भी किया। उन्होंने यमुना महारानी से शांत होने की प्रार्थना की।

 

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