- फाइनल में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया ने 125 रन से हराया,
- सचिन तेंदुलकर ने मैंन ऑफ दी टूर्नामेंट,
- साउथ अफ्रीका, जिम्बाबे और कीनिया में हुआ आयोजन,
2003 का वर्ल्ड कप पहली बार अफ्रीका महाद्वीप में हुआ। फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को 125 रनों से करारी शिकस्त दी। सचिन तेंदुलकर ने वर्ल्ड कप में 673 रन बनाए और मैन ऑफ दी टूर्नामेंट रहे।
फाइनल में कंगारू कप्तान रिकी पोंटिंग का शतक यादगार रहा। इस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम सिर्फ दो मैच हारी वो भी सिर्फ ऑस्ट्रेलिया से।
2003 आईसीसी क्रिकेट विश्व कप आठवां क्रिकेट विश्व कप था, जो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद द्वारा आयोजित किया गया था। यह 9 फरवरी से 23 मार्च 2003 तक दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे और केन्या द्वारा सह-मेजबानी की गई थी।
टीम इंडिया फाइनल तक पहुंची भी, लेकिन उसका यहां सामना हुआ ऑस्ट्रेलिया, जो डिफेंडिंग चैंपियन थी और बड़े-बड़े मैच विनर प्लेयर्स से भरी हुई थी। कप्तान रिकी पोंटिंग थे तो टीम में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट, ग्लेन मैक्ग्रा, ब्रेट ली, ब्रैड हॉग, साइमंड्स और डैरेन लेहमन जैसे धाकड़ खिलाड़ी थे, जो अपने दम पर मैच का रुख पलट देते थे। इस टूर्नामेंट में भारत और ऑस्ट्रेलिया की पहले भी भिड़ंत हो चुकी थी, जिसमें टीम इंडिया को बुरी हार मिली थी।
सिर्फ टॉस ही रहा भारत के पक्ष में
जब 23 मार्च, 2003 को फाइनल में दोनों टीमें पहुंचीं तो उम्मीद थी कि टीम इंडिया पिछली हार का बदला ऑस्ट्रेलिया से लेगा। मैच में भारतीय टीम के कप्तान सौरव गांगुली ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग चुनी और यही वो शुरुआती और आखिरी फैसला था जो टीम इंडिया के मनमाफिक था। जोहानिसबर्ग में एडम गिलक्रिस्ट और मैथ्यू हेडन ने आक्रामक शुरुआत करते हुए 14 ओवरों में 105 रन ठोके तो गिलक्रिस्ट 47 और हेडन 37 रन पर आउट हुए।ऑस्ट्रेलिया ने कप्तान रिकी पोंटिंग (140 ) और डेमियन मार्टिन (88) के दम पर दो विकेट पर 359 रन बनाए। भारतीय टीम 39.2 ओवर में 234 रन ही बना पाई । वीरेंद्र सहवाग ने सर्वाधक 82 और राहुल द्रविड़ ने 47 रन बनाए। ऑस्ट्रेलियाई टीम पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही। वहीं भारतीय टीम ने दो मैच गंवाए और दोनों ऑस्ट्रेलिया से।
सचिन तेंदुलकर 2003 के विश्वकप के टूर्नामेंट के मैन ऑफ द टूर्नामेंट जरुर रहे थे। उन्होंने लगभग हर मैच में बल्ले के साथ अच्छा प्रदर्शन किया। कई मौकों पर तो भारत को जीत भी दिलाई थी। टूर्नामेंट की 11 पारियों में 61.18 की औसत से 673 रन बनाकर सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज भी थे। जिसमें छह अर्धशतक और एक शतक भी शामिल था। बावजूद इसके ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में उन्होंने सभी को बहुत निराश किया। टीम इंडिया जब ऑस्ट्रेलिया के विशालकाय स्कोर 359 रनो का पीछा करने उतरी। सचिन तेंदुलकर 4 के स्कोर पर थे, तभी ग्लेन मैक्ग्राथ ने उन्हें अपना शिकार बना लिया। सचिन के आउट होते ही पूरी टीम लखड़खड़ा गई।
सहवाग को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज पिच पर नहीं टिक सका। एक-एक करके सभी बल्लेबाज वापस लौटते रहे। आखिर में भारतीय टीम 39.2 ओवर में सिर्फ 234 रनों तक ही पहुंच सकी। भारत को इस फाइनल मुकाबले में 125 रन की करारी हार मिली।
सेमीफाइनल मुकाबला
2003 विश्व कप सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, भारत की टीमें पहुंची थी।
■ 18 मार्च 2003 को ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच सेमीफाइनल मुकाबला खेला गया जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने 48 रन से जीत हासिल की थी।
■ 20 मार्च 2003 को भारत और केन्या के बीच क्रिकेट मुकाबला खेला गया था जिसमें भारत ने 91 रन से केन्या को हरा दिया था।