Wednesday, April 16, 2025
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आखिर क्यों बंद है अवैध निर्माण पर प्राधिकरण की आंखें !

– उपाध्यक्ष की सख्ती के बाद भी हर जोन में धड़ल्ले से हो रहे अवैध निर्माण।


शारदा रिपोर्टर

मेरठ। जनपद मेरठ में लाख सख्ती के बावजूद अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है। अवैध निर्माणकतार्ओं के मेरठ विकास प्राधिकरण अधिकारियों के साथ मिली भगत के चलते अवैध निर्माण कार्य तेजी से जारी है। गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट ने अभी हाल ही में अवैध निर्माण और सरकारी जमीनों पर हो रहे अवैध कब्जों पर ध्वस्तीकरण के आदेश दिए है। इसके बावजूद मेरठ विकास प्राधिकरण में जड़ तक घुस चुके भ्रष्टाचार के चलते अवैध निर्माण बिना कानून और शासन के डर के लगातार जारी है।

900 अवैध निमार्णों को ध्वस्तीकरण का नोटिस: मेरठ विकास प्राधिकरण ने 1 जनवरी 2024 से 15 नवंबर 2024 तक लगभग 900 अवैध निर्माणकतार्ओं को अवैध निमार्णों की धवस्त करने के बाबत नोटिस जारी किये है। लेकिन इन 900 अवैध निमार्णों पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। मिलीभगत और लाखों की वसूली के चलते तमाम अवैध निर्माण बराबर प्रगति पर है। कुछ बनकर तैयार हो चुके है। कुछ अभी भी बन रहे है। मेरठ विकास प्राधिकरण की मिलीभगत के चलते ही आवासीय भूखंडों पर और गलियों में बड़े बड़े कॉम्प्लेक्स, प्लाजा, होटल, शोरूम बनकर तैयार हो चुके है। इन अवैध निमार्णों से राज्य सरकार को कई सौ करोड़ रुपए के राजस्व की हानि हो रही है। लेकिन विकास प्राधिकरण के अधिकारियों पर इसका कुछ असर नहीं पड़ता। अपनी जेब भरनी चाहिए बस।

ये हैं कुछ मामले : पल्लवपुरम में एक आवासीय भवन के स्थान पर एक बड़ा अवैध कॉम्प्लेक्स बन कर तैयार हो गया। शिकायत मिलने पर विकास प्राधिकरण अधिकारियों ने मजबूरी में इस अवैध निर्माण पर सील लगा दी। लेकिन विकास प्राधिकरण अधिकारियों के साथ मिलीभगत से अवैध निर्माणकर्ता ने अपना कॉम्प्लेक्स बनाकर तैयार कर लिया और उस अवैध कॉम्प्लेक्स में बनी कई दुकानें भी बेच दी।

दिल्ली रोड ईदगाह तिराहे पर स्थित होटल करीम्स पर विकास प्राधिकरण ने उसके उद्घाटन से एक दिन पूर्व सील लगा दी। लेकिन मिलीभगत से अवैध निर्माण कार्य चलता रहा। अभी होटल करीम्स का धड्ड्ले से संचालन किया जा रहा है। विकास प्राधिकरण आँखें मूंदे बैठा है।

नेहरू रोड स्थित एक आवासीय भवन को एक बड़े होटल में तब्दील कर दिया गया। अवैध निर्माण होता रहा। और विकास प्राधिकरण सोता रहा।

 

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