Tuesday, October 14, 2025
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‘हम वोट के लिए हिंदू, नौकरी के लिए दलित हो जाते हैं’, 69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने लखनऊ में डिप्टी सीएम का आवास घेरा

  • 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन।
  • लखनऊ में डिप्टी सीएम का आवास घेरा, किया हंगामा।

लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन जारी है। आज अभ्यर्थी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या का आवास घेरने पहुंच गए। प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा और नारेबाजी की। कहा कि हम वोट के लिए हिंदू और नौकरी के लिए दलित हो जाते हैं। यह अन्याय मत करो। प्रदर्शन की सूचना पर पहले ही पुलिस पहुंच गई थी। अभ्यर्थियों को केशव प्रसाद मौर्य के आवास से पहले ही रोक लिया गया। इस दौरान पुलिस से नोकझोंक भी हुई। अभ्यर्थी बोले कि उन दलितों पर सरकार न्याय करे और उन्हें कीड़े-मकोड़े न समझा जाए। आरोप लगाया- 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला किया गया।

प्रदर्शन में शामिल अमित कुमार मौर्य ने कहा कि केशव प्रसाद मौर्य हमारे समाज के हैं। हम उनके दरवाजे पर आए हैं। सुप्रीम कोर्ट में 22 से ज्यादा बार डेट लग गई है। मगर सरकार शामिल नहीं हो रही है। सरकार पहली पार्टी है और हम थर्ड पार्टी हैं। उसके बाद भी हमारी कोई पैरवी नहीं कर रही है। 1 साल हो गया सुप्रीम कोर्ट में मामला गए। 5 साल से हम सड़कों पर भटक रहे हैं। सरकार नहीं चाहती है कि दलित-पिछड़े लोग नौकरी पाएं।

अमित ने कहा कि 20 से अधिक बार केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर हमें घसीटा गया है। हम उनके समाज से आते हैं मगर आज तक इन्होंने ने हमें न्याय नहीं दिलाया। हम लोगों ने भाजपा को वोट दिया है। हमारी क्या गलती है? वोट देने के लिए हम लोग हिंदू हो जाते हैं और नौकरी के लिए पिछड़े-दलित हो जाते हैं। हमको कूड़े में फेंक दिया जाता है। कीड़ा-मकोड़ा समझा जाता है।

धान-गेहूं बेचकर हम लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और अब सरकार साथ नहीं दे रही है। 22 तारीखों में एक बार भी सरकार का अधिवक्ता नहीं पहुंचा। हम लोग कब तक सड़कों पर घसीटे जाएंगे। हमारा भी आत्मसम्मान है। हम लोगों को हिंदू के नाम पर बहकाया जाता है। हम भी मौर्य समाज से हैं हमारी लड़ाई कब लड़ेंगे केशव प्रसाद मौर्य? वह चुप्पी मारकर बैठे हैं।

देवरिया से आए धनंजय कुमार ने कहा कि हम लोग केशव प्रसाद मौर्य को अपना चाचा कहते हैं मगर वही हमारी नहीं सुनते। हम चाचाजी से कहना चाहते हैं कि आपके बच्चों को स्कूलों में होना चाहिए लेकिन वे 5 साल से सड़कों पर भटक रहे हैं। चाचाजी, हमने आपको वहां बैठाया है मगर सच्चे मन से आप हमारे साथ नहीं खड़े हुए। पिछले और दलित समाज के जितने नेता हैं, सिर्फ एक दिन हमारे साथ खड़े हो जाएं तो न्याय मिल जाएगा।

आप लोग सिर्फ दिखावा करते हैं। हकीकत में अभी तक हमारा साथ नहीं दिया। हाई कोर्ट ने मुहर लगा दी कि पिछले दलितों के साथ बड़े स्तर पर धांधली हुई फिर भी सरकार साथ नहीं देती। हमारी जगह पर दूसरे लोग वेतन उठा रहे हैं और हमारे पैसे से सुप्रीम कोर्ट में बड़े-बड़े अधिवक्ता रखकर केस लड़ रहे हैं। अब हर दिन हम लोग इसी प्रकार किसी न किसी मंत्री का आवास घेरेंगे।

अभ्यर्थियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार के द्वारा ठीक से पहले नहीं की जा रही है इसलिए मामला दिन-प्रतिदिन टल रहा है। युवा बेरोजगार घूम रहे हैं और दर-दर भटक रहे हैं। इन्होंने कहा कि हम लोग लगातार अपनी आवाज पिछड़े-दलित विधायकों और मंत्रियों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही। जब तक मांग पूरी नहीं हो जाएगी इसी तरीके से सरकार के हर मंत्री और विधायक के आवास को घेरेंगे और संघर्ष करेंगे।

 

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