मेरठ। दूसरे चरण के मतदान में धर्म और जाति के साथ ही स्थानीय तथा राष्ट्रीय मुद्दों पर मतदाता प्रत्याशियों का इम्तिहान लेंगे। चुनावी प्रचार का शोर कल शाम थम चुका है। अब असली इम्तिहान की बारी है।
मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अमरोहा, अलीगढ़ और मथुरा के मतदाता शुक्रवार को चुनावी समर के योद्धाओं के भाग्य का फैसला लिखेंगे। 2019 की बात करें तो इन सभी आठ सीटों में से सात पर भाजपा की जीत का परचम फहराया था। सिर्फ अमरोहा में बसपा जीती थी। जबकि चार सीटों पर बसपा दूसरे स्थान पर रही थी।
हालांकि इस बार के चुनाव को 2019 के चुनाव से जोड़कर देखना बेमानी ही होगा। क्योंकि तब के गठबंधन और मुद्दों में इस बार काफी फर्क आ चुका है। 2019 में सपा, बसपा और रालोद एक साथ थे। ऐसे में बसपा को इस बार दूसरे नंबर पर आने वाली चार सीटों पर अतिरिक्त मेहनत करनी होगी।
दूसरे चरण में सबसे बड़ी परीक्षा भगवा ब्रिगेड की होनी है। वहीं, सपा-कांग्रेस गठबंधन के पास खोने के लिए कुछ नहीं, बल्कि पाने के लिए पूरा मैदान है, तो बसपा के सामने भी अपनी पुरानी सीटों को बचाने के साथ ही इस बार अतिरिक्त सीट जीतने की बड़ी चुनौती है। इन आठ सीटों पर अनुज मित्तल की रिपोर्ट-
मेरठ लोकसभा-
धर्म और जातीय समीकरण के बीच संघर्ष
भाजपा ने तीन बार से सांसद रहे राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर रामायण धारावाहिक में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को मैदान में उतारा है। ऐसे में यह सीट भाजपा नेतृत्व की प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है।
सपा ने दलित समाज से ताल्लुक रखने वाली पूर्व महापौर सुनीता वर्मा को मैदान में उतार कर मुस्लिम-दलित का समीकरण बनाने की कोशिश की है।
बसपा ने देवव्रत त्यागी को मैदान में उतारा है। देवव्रत परंपरागत वोटबैंक के साथ त्यागी समाज के मतदाताओं को साधने की कोशिश की है।
बागपत लोकसभा-
चौधरी की पगड़ी पाने को रोचक हुआ मुकाबला
गठबंधन के तहत रालोद से डॉ. राजकुमार सांगवान मैदान में हैं। भाजपा के साथ ही रालोद ने अपने परंपरागत वोटबैंक को साधने की कोशिश की है।
सपा ने पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा पर दांव लगाकर संघर्ष कांटे का कर दिया है। पार्टी के वोटर के साथ ही ब्राह्मणों के
धु्रवीकरण की कोशिश।
बसपा ने गुर्जर वोटबैंक को अपने पाले में लाने के लिए प्रवीण बैंसला को मैदान में उतारा है। बसपा के इस कदम ने जंग को रोचक बना दिया है।
गाजियाबाद लोकसभा-
जातीय समीकरण की उलझन में क्या टूटेगा रिकॉर्ड
भाजपा ने सांसद वीके सिंह का टिकट काटकर अतुल गर्ग पर दांव लगाया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने रोड शो कर, तो रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसभा कर रिकॉर्ड बढ़ाने का आह्वान कर चुके हैं।
कांग्रेस ने डॉली शर्मा को दोबारा मौका दिया है। उन्हें मुस्लिमों व ब्राह्मणों की एकजुटता की उम्मीद है।
बसपा ने क्षत्रिय समाज के नंद किशोर पुंडीर पर दांव लगाकर चुनाव को रोचक बना दिया है।