मेरठ। 23 मई 2008 को थाना कोतवाली क्षेत्र के गुदड़ी बाजार में तीन छात्रों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। तीनों के शव को कार की डिग्गी में डालकर हत्यारोपियों ने बिनौली नहर के पास फेंक दिए थे। इस हत्याकांड ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया था।
मामले में हाईकोर्ट ने निचली अदालत से मुकदमे का स्टेटस मांगा है। जिसके चलते अब इस मामले में फैसला 31 जुलाई को आएगा। बुधवार को फैसला आने की सूचना के चलते कचहरी परिसर छावनी में तब्दील रहा। 23 मई 2008, बागपत और मेरठ जिले की सीमा पर बालैनी नदी के किनारे तीन युवकों के शव पड़े मिले। इनकी पहचान सुनील ढाका(27) निवासी जागृति विहार, पुनीत गिरि(22) निवासी परीक्षितगढ़ रोड और सुधीर उज्जवल(23) निवासी गांव सिरसली, बागपत के रूप में हुई।
पुलिस ने जांच शुरू की तो सामने आया कि 22 मई की रात तीनों का गुदड़ी बाजार में हाजी इजलाल कुरैशी के साथ झगड़ा हुआ था।पुलिस के आरोप पत्र के मुताबिक झगड़े के बाद इजलाल ने अपने भाइयों के साथ मिलकर तीनों को पकड़ लिया। पहले तीनों को पाइपों से बुरी तरह से पीटा गया। गोलियां मारी गईं। फिर सबके गले काटे गए।
शवों को पानी से धोकर कार की डिग्गी में रखकर लालबत्ती लगी कई गाड़ियों के बीच आधी रात को नदी किनारे ले जाकर शवों को फेंक दिया गया। पुलिस ने इस मामले में हाजी इजलाल,
उसके भाई अफजाल व परवेज समेत दस आरोपियों को कोर्ट में पेश किया।
कुल 14 आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल हुई है। इनमें हाजी इजलाल कुरैशी, परवेज और अफजाल पुत्रगण स्वर्गीय इकबाल, मेहराज पुत्र मेहताब, इसरार पुत्र रशीद, कल्लू उर्फ कलुआ पुत्र हाजी अमानत, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा पुत्र विजय, वसीम पुत्र नसरुद्दीन, रिजवान पुत्र स्वर्गीय उस्मान और बदरुद्दीन पुत्र इलाहीबख्श, शम्मी और माजिद के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। इस मुकदमे में बहस पूरी हो गई है। कल इस मामले में हाईकोर्ट ने निचली अदालत से मुकदमे का स्टेट्स मांगा था। जिसके चलते अब फैसला 31 जुलाई को आएगा।