शारदा रिपोर्टर
राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि शहीदों को ह्दय से सम्मान सिर्फ भाजपा में मिला है। शहीद धन सिंह कोतवाल का बलिदान देश कभी भूला नहीं सकता, उनकी प्रतिमा आज शहीद स्मारक पर अनावरण होना मेरठ के लिीए गौरव की बात है।
उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जो पहली क्रांति की ज्वाला धधकी थी, वह मेरठ की ही धरती से धधकी थी। आजादी की लड़ाई में मेरठ के क्रांतिकारियों ने अपनी जान की कुबार्नी दी ह। जिले के महान क्रांतिकारियों में शहीद धन सिंह कोतवाल गुर्जर का भी नाम सम्मान के साथ लिया जाता है।
राज्यमंत्री डा. सोमेंद्र तोमर ने कहा कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की जब शुरूआत हुई थी, तब धन सिंह गुर्जर सदर थाना के कोतवाल थे। कोतवाल रहते हुए धन सिंह ने देश की आजादी की पटकथा लिखी। क्रांतिकारियों में जोश भरने और अंग्रेजों को भगाने के लिए जान पर खेल गए थे। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के शुरूआती आंदोलन में जिन 85 क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह किया था। उनको अंग्रेजी हुकूमत द्वारा विक्टोरिया पार्क की जेल में बंद कर दिया गया था। जिसमें पहले से ही 839 क्रांतिकारी बदं थे।
उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर शहीद धन सिंह कोतवाल गुर्जर में काफी रोष था। उन्होंने एक रणनीति बनाकर सभी को जेल से छुड़ाया था। तब वह चिंगारी इतनी फैली कि अंग्रेजी अफसरों को भी क्रांतिकारियों ने मार गिराया था। शहीद धन सिंह कोतवाल गुर्जर की एक आवाज पर ही पांचली, लिसाड़ी, गगोल सहित अन्य गांव के सभी ग्रामीण बड़ी संख्या में विक्टोरिया पार्क जेल की तरफ कूच कर गए थे। ग्रामीणों में इतना जोश था कि अपने अन्य साथियों को छुड़ाते हुए सभी दिल्ली की तरफ कूच कर गए थे।