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Monday, November 24, 2025
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Homeउत्तर प्रदेशMeerutजीएसटी में कमी के बाद ट्रांसपोर्टरों की बढ़ी टेंशन

जीएसटी में कमी के बाद ट्रांसपोर्टरों की बढ़ी टेंशन

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-टोल और डीजल के दाम कम हो तो राहत मिले


शारदा रिपोर्टर
मेरठ। एक तरफ सरकार ने जीएसटी कम करके भले लोगों की टेंशन कम कर दी हो लेकिन ट्रांसपोर्टरों की समस्या जस की तस है। व्यापारियों का कहना है जीएसटी कम हुई तो ट्रकों का भाड़ा भी कम होना चाहिए। इस बारे में ट्रांसपोर्टरों का कहना है टोल और डीजल के रेट और व्यवसाय में कड़ी स्पर्धा होने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

इस समस्या को लेकर आज यूपी मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की हुई बैठक में कहा गया कि जीएसटी कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए आभार व्यक्त किया। बैठक में कहा गया कि जीएसटी कम होने से ट्रांसपोर्टरों को बहुत कम लाभ हुआ है।

मोटर लाइन में स्पेयर पार्ट्स और टायर्स की कीमत तो घटी है। हमारी गाड़ियां प्रतिदिन हजारों किलोमीटर का सफर तय करती है जिसमें टोल और डीजल का खर्च सबसे ज्यादा होता है। मेरठ से कोलकाता का किराया 65000 रुपए है। इसमें 22000 रुपए केवल टोल और डीजल 86000 है। इसके अलावा कई खर्चे है। सारा खर्च 120000 रुपए है। जबकि ट्रांसपोर्टर का खर्च 130000 रुपए आता है। इस कारण गाड़ी को केवल 10000 रुपए ही मिलता है। सरकार से निवेदन है टोल कम करें और डीजल को भी जीएसटी में लाए।

बैठक में अमरदीप पिंकी चिन्योटी, पंकज अनेजा, समीर कोहली, ताहिर इस्लाम,सुनील कुमार,अमित नय्यर,दिव्य बुद्धिराजा,इंद्रेश कुमार,यश ओबेरॉय और जसविंदर सिंह मौजूद थे।

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