लेदर, एग्रीकल्चर, इंजीनियरिंग उत्पादों में डील नहीं करेंगे।
कानपुर। आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ देने की बजाय तुर्किये ने पाकिस्तान का साथ दिया। इससे लोगों में गुस्सा भड़क गया है। कानपुर के साथ ही प्रदेश और देश की संस्थाएं जहां अपने रिश्ते तोड़ रहीं हैं, वहीं अब लोग घूमने जाने से भी इंकार करने लगे हैं।
कानपुर से तुर्किये से करीब 700 करोड़ से अधिक का व्यापार होता है। कई व्यापारी संगठन भी निर्यात बंदके पक्ष में हैं। कानपुर से सालाना 700 करोड़ से अधिक का निर्यात यहां से तुर्किये के अलग-अलग क्षेत्र में होता है। खासकर लेदर, एग्रीकल्चर, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिक उत्पादों की डिमांड काफी ज्यादा है। इसके अलावा मीट, डेयरी, प्लास्टिक, पशुओं के आहार संबंधी सामान भी भेजा जाता है।
फियो के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि भारत के खिलाफ पाक का साथ देना तुर्किये के लिए बड़ा कारोबारी संकट बन रहा है। अकेले कानपुर से ही 700 करोड़ का कारोबार सालाना होता है। लगातार कई व्यापारिक संगठनों ने कारोबार खत्म करने की मांग की है। करोड़ों का व्यापार दांव पर लगा है।
ग्रीस, नॉर्वे जैसे यूरोपियन देश अब विकल्प: निर्यात क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि तुर्किए का दुश्मन देश के मित्र के साथ कारोबार करना मुश्किल होता जा रहा है। तुर्किये भी पुराना व बड़ा बाजार है। ऐसे में तगड़ा झटका लगना भी तय है। ऐसी स्थिति में कारोबारियों के सामने ग्रीस, नॉर्वे, नीदरलैंड समेत 10 से 12 यूरोपियन देश विकल्प के रूप में हैं। यहां भारतीय व कानपुर के उत्पादों की अच्छी डिमांड है।
टिकट कैंसिल करा रहे हैं लोग
कंफेडेरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) लोगों से अपील की है कि लोग तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा न करें। वहीं कानपुर में बीते 1 हफ्ते के दौरान करीब 500 से ज्यादा लोगों ने टिकट कैंसिल करा दिए हैं। राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पंकज अरोड़ा ने बताया कि भारत से सलाना करीब 3 लाख पर्यटक जाते हैं। न जाने से उनके टूरिज्म पर विपरित असर पड़ेगा।
कारोबारियों ने सेब लेने से किया इंकार
वहीं सेब कारोबारियों ने तुर्किये से आने वाले सेब को भी लेने से इंकार कर दिया है। बता दें कि करीब रोजाना करीब 2 ट्रक सेब कानपुर की फल मंडियों में आता है। इसमें ज्यादातर सेब तुर्किये और चीन का ही होता है। कानपुर फ्रूट एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश सिंह ने बताया कि दुश्मन के साथ किसी भी तरह का कारोबार नहीं करेंगे।