Friday, June 27, 2025
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इस बार ग्रहों के दुर्लभ संयोग में मनेगी होली

राहुल अग्रवाल
ज्योतिषाचार्य, वास्तुविद
मेरठ। इस वर्ष मस्ती व रंगों का पर्व होली बहुत ही खास होने वाला है। ज्योतिष गणना के हिसाब से काफी वर्षों के बाद इस वर्ष ग्रहों का दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। मीन राशि में तिरग्रही योग बनने से सभी राशि वालों के लिए होली विशेष शुभ फल प्रदान करने वाली रहेगी रंगों का त्योहार होली,

हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है।
इस बार होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा तथा उसके अगले दिन 14 मार्च दिन शुक्रवार को रंगों का पर्व होली उत्सव मनाया जाएगा। 13 मार्च को पूर्णिमा तिथि प्रात: 10:35 से प्रारंभ हो जाएगी जो अगले दिन प्रात: 12:24 तक रहेगी। उदय तिथि के अनुसार पूर्णिमा तिथि उदय तिथि में 14 मार्च को दोपहर 12:24 तक रहेगी, लेकिन शास्त्रीय मत के अनुसार पूर्णिमा तिथि का मान तीन पहर से कम होने पर पहले दिन का मान निकालकर होलिका दहन करना चाहिए।

 इस वर्ष होलिका दहन 13 मार्च को रात्रि 11:29 के बाद भद्रा समाप्ति के पश्चात श्रेष्ठ रहेगा। 13 मार्च को प्रात: पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होते ही 10:35 से भद्रा का साया भी प्रारंभ हो जाएगा जो रात्रि 11:29 तक रहेगी।

भद्रा काल में होलिका दहन नहीं
शास्त्रीय मान्यता के अनुसार भद्रा काल में होली का दहन नहीं करना चाहिए। होली के दिन 13 मार्च को भद्रा प्रात 10:35 से प्रारंभ हो जाएगी इसीलिए प्रयास करें जो होलिका का पूजन माताएं बहने करती हैं वह प्रात: 10:35 से पूर्व करने का प्रयास करें। होलिका दहन भद्रा समाप्ति के पश्चातरात्रि 11:29 मिनट के पश्चात ही करें।

शुभ पाने के लिए करें यह उपाय
होलिका दहन के दिन शाम के समय हनुमान जी के समक्ष चमेली के तेल का दीपक जलाएं।
इस दिन शाम के समय यथासंभव श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।
जिस स्थान पर होलिका दहन हो रहा हो वहां पर प्रयास करें कि सुंदर सी रंगोली बनाएं और उसमें लाल पीला हरा नीला रंग जरूर मिलायें।

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