– सुरक्षा के तकनीकी कारणों से शॉप्रिक्स मॉल तक अभी नहीं आएगी ट्रेन
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। शहरवासियों को होली तक दिल्ली रोड स्थित शॉप्रिक्स मॉल के सामने शताब्दी नगर स्टेशन तक नमो भारत रैपिड ट्रेन के संचालन का बेसब्री से इंतजार था, लेकिन अब यह इंतजार थोड़ा और लंबा होने वाला है। विभिन्न तकनीकी समस्याओं के कारण अभी तक इस रूट पर ट्रेन का संचालन शुरू नहीं हो सका है। अब इन तकनीकी खामियों को दूर करने का काम तेजी से चल रहा है, जिसके बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। उनकी मंजूरी मिलने के बाद ही शताब्दी नगर तक नमो भारत का संचालन संभव हो पाएगा।
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए, अब यह माना जा रहा है कि, नमो भारत ट्रेन का संचालन अप्रैल महीने में ही शताब्दी नगर तक शुरू हो पाएगा। हालांकि, इस बीच ट्रेन का ट्रायल रन लगातार जारी है। मेरठ साउथ से शताब्दी नगर तक नमो भारत रैपिड ट्रेन का ट्रायल 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से किया जा रहा है, ताकि संचालन की तैयारियों को परखा जा सके।
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल पांच जनवरी को दिल्ली के न्यू अशोक नगर से आनंद विहार होते हुए मेरठ साउथ तक नमो भारत ट्रेन के संचालन की शुरूआत की थी। अब मेरठ शहर के अंदर शताब्दी नगर तक इस सेवा का विस्तार किया जाना है। पहले उम्मीद थी कि, होली तक यह सेवा शुरू हो जाएगी, लेकिन तकनीकी कमियों के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाया है।
मेरठ साउथ स्टेशन शहर में रैपिड कॉरिडोर का पहला स्टेशन है और इसे शहर के एक महत्व पूर्ण केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए यहां सबसे बड़ी पार्किंग बनाई गई है, जो दो हिस्सों में बंटी है और जिसमें कुल 1200 वाहनों को पार्क किया जा सकता है। वहीं, शताब्दी नगर स्टेशन पर भी यात्रियों की सुविधा के लिए 800 वाहनों की क्षमता वाली पार्किंग बनाई जा रही है।
शताब्दी नगर स्टेशन पर सड़क के दोनों ओर दो प्रवेश और निकास द्वार बनाए गए हैं, जिससे यात्रियों को स्टेशन तक पहुंचने और बाहर निकलने में आसानी होगी। शताब्दी नगर नमो भारत स्टेशन के अलावा, इस छह किलोमीटर के अतिरिक्त सेक्शन में परतापुर और रिठानी के दो मेट्रो स्टेशन भी बनाए जा रहे हैं, जो यात्रियों को कनेक्टिविटी का एक और विकल्प प्रदान करेंगे।
इसके अतिरिक्त, मेरठ में बेगमपुल पर बनाए जा रहे अंडरग्राउंड स्टेशन का काम भी तेजी से चल रहा है।
अधिकारियों का दावा है कि, इस स्टेशन का 90 फीसदी सिविल वर्क पूरा हो चुका है। यहां भी तकनीकी कमियों को दूर करने का काम अंतिम चरण में है, जिसके बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा इसका निरीक्षण किया जाएगा और उनकी मंजूरी के बाद ही यहां से ट्रेन का संचालन शुरू हो सकेगा।