शारदा रिपोर्टर मेरठ। संयुक्त पैंशनर्स कल्याण समिति मेरठ के तत्वावधान में माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार, मुख्यमंत्री उप्र एवं राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कार्मिक लोक शिकायत तश्या पेंशन मंत्रालय भारत सरकार को जिलाधिकारी मेरठ के माध्यम से पेंशनर्स की समस्याओं के सम्बन्ध में ज्ञापन दिया गया।
संयोजक एके कौशिक ने कहा कि सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारियों की पेंशन की धनराशि से 40 प्रतिशत राशिकरण दिया जाता है। जिसकी कटौती 15 वर्षों तक मासिक किश्तों में की जाती है, यह व्यवस्था 1986 से लागू है। उस समय बैंक की ब्याज दर 12 प्रतिशत थी, जो अब 7 प्रतिशत रह गई है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए गुजरात सरकार ने यह अवधि 13 वर्ष कर दी है। भारत सरकार द्वारा गठित समिति ने राशिकृत धनराशि की बहाली 12 वर्ष करने की संस्तुति की है। जबकि उच्च न्यायालय पंजाब, हरियाणा तथा चंडीगढ़ तथा हरियाणा सरकार द्वारा राशिकृत धनराशि की बहाली 10 वर्ष करने का आदेश दिया है।
इसलिए केंद्र सरकार और प्रदेश सरकारों से उच्च न्यायालय के निर्णयानुसार धनराशि की कटौती की 10 वर्ष के बाद बहाली की मांग की गई।
इस अवसर पर श्याम सिंह नागर, सतपाल दत्त शर्मा, श्रेयांस जैन, आनंद स्वरूप गोयल, धर्मपाल शर्मा, जयभगवान शर्मा, एसबी शर्मा, रविराज गुप्ता, शमशेर सिंह, एजी मित्तल, धर्मवीर सिंह, बनी सिंह चौहान, वीएस तेवतिया, ओपी रतूड़ी आदि पेंशनर्स संगठनों के पदाधिकारी एवं सैकड़ों पेंशनर्स उपस्थित रहे।