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Friday, December 26, 2025
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सेल्समैन की मौत: दस लाख में निपटा दिया मामला, मेरठ में रैपिडएक्स के निर्माण कार्य के दौरान हुआ था हादसा

एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया कि मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। मामले की उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी गई है।

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  • शॉप्रिक्स मॉल के सामने हुआ हादसा,
  • स्कूटी पर जा रहा था शास्त्रीनगर निवासी बिस्कुट कंपनी का सेल्समैन।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। रैपिडएक्स के निर्माण कार्य के दौरान बृहस्पतिवार शाम को फाउंडेशन पर रखा जा रहा गार्डर स्कूटी सवार सेल्समैन ऋतिक शर्मा (22) के ऊपर गिर गया। ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने उसे बिजली बंबा बाईपास स्थित अस्पताल में भिजवाया। उसकी गंभीर हालत के चलते मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया गया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही युवक की मौत हो गई।

दिल्ली रोड पर शताब्दीनगर आरआरटीएस स्टेशन का फाउंडेशन बनाया जा रहा है। इस कार्य को एनसीआरटीसी करा रही है। बृहस्पतिवार शाम करीब साढ़े चार बजे ट्रैक पर काम चल रहा था। कर्मचारी गर्डर रख रहे थे। वह नीचे गिर गया।

इस दौरान शास्त्रीनगर में रहने वाला ऋतिक स्कूटी से गुजर रहा था। वह गार्डर के नीचे दब गया। उसके मोबाइल में मिले नंबरों के आधार पर पहचान ऋतिक शर्मा निवासी अमरोहा के रूप में हुई। ऋतिक मेडिकल के गेसूपुर में अपने बहनोई विजय शर्मा के पास रहकर बिस्कुट कंपनी में सेल्समैन की नौकरी करता था। सूचना पर बहनोई विजय शर्मा मौके पर पहुंच गए। मोर्चरी पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि अभी तक परिजनों की तरफ से तहरीर नहीं मिली है। दिल्ली रोड पर बड़ी संख्या में वाहन निकलते हैं। जिस समय गार्डर गिरा उस समय कोई दूसरा वाहन भी होता तो वह भी चपेट में आ जाता।

एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया कि मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। मामले की उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी गई है।

 

परिवार में छोटा था ऋतिक

दो भाइयों में ऋतिक छोटा था। बड़ा भाई अभिषेक है। पिता सुरेंद्र और माता त्रिशला हैं। तीनों अमरोहा से मेरठ के लिए चल दिए थे। रात तक उनको ऋतिक के मरने की जानकारी नहीं दी गई थी।

परिवार का सहारा था ऋतिक

22 साल के ऋतिक शर्मा पर परिवार की बहुत जिम्मेदारियां थी। माता-पिता का सहारा था। दिन-रात मेहनत करके नौकरी कर रहा था। रैपिड के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारियों की लापरवाही से उसकी जान चली गई। ऋतिक के बहनोई और परिवार के लोग शव को देखकर फफक पड़े। वे बस यही कहते रहे कि हमारे ऋतिक की क्या गलती थी। इसकी मौत के जिम्मेदारों को सजा कौन देगा। शर्मनाक बात ये रही कि एक घर का चिराग बुझ गया और लापरवाही के जिम्मेदार मौके तक पर नहीं गए।

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