11 बार में पांच बैंक खातों में किए ट्रांसफर, एक करोड़ दिखी मुनाफे की रकम।
नोएडा। साइबर अपराधियों ने शेयर मार्केट में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का झांसा देकर इंजीनियर के साथ 65 लाख रुपए की ठगी कर ली। ठगी की जानकारी होने के बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने की पुलिस से की। इस मामले में तीन कथित ठगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। जिन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई है, पुलिस उन खातों की जांच कर रही है। ठगी की कुछ रकम को फ्रीज कराने का प्रयास पुलिस की ओर से किया गया है।
पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-119 निवासी आशु मलिक ने बताया कि इसी साल अप्रैल माह में कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर उनसे संपर्क किया। उन्होंने शेयर मार्केट में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का झांसा दिया। 20 अप्रैल को उनको एक वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ दिया गया। के-13 स्मार्ट स्टॉक गेन्सफ्यू नाम के वॉट्सऐप ग्रुप में शिकायतकर्ता को जोड़ने वाले ठगों ने अपना परिचय जीरोधा ऐप के ब्रोकर के रूप में दिया।
जिस ग्रुप में शिकायतकर्ता को जोड़ा गया ,उसमें पहले से ही सौ सदस्य थे, जो निवेश पर होने वाले मुनाफे का स्क्रीन शॉट साझा कर रहे थे। कई दिन तक आशु ने ग्रुप की हर गतिविधि को परखा। इसी दौरान ग्रुप की ही एक महिला ने शिकायतकर्ता पर काइट मार्ट इन पोर्टल पर पंजीकरण कराकर छोटा-छोटा निवेश करने पर जोर डाला। शिकायतकर्ता के ऐसा करने पर उसे कुछ मुनाफा भी मिला।
11 बार में 65 लाख किए ट्रांसफर: उसने जब रकम निकाली चाही तो रकम आसानी से निकल गई। इसके बाद आशु को यकीन हो गया कि वह सही ग्रुप में जुड़ गया है और निवेश करके वह कम समय में ज्यादा मुनाफा कमा सकता है। मुनाफा कमाने के चक्कर में शिकायतकर्ता ने 29 अप्रैल से लेकर 29 मई तक 11 बार में पांच बैंक खातों में 65 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए।
एक करोड़ का दिखा मुनाफा: करीब एक करोड़ रुपए का मुनाफा होते दिखा। शिकायतकर्ता ने जब यह रकम निकालने का प्रयास किया तो उसपर विभिन्न कर के तौर पर 50 लाख रुपए और ट्रांसफर करने का दबाव बनाया जाने लगा। ठगों द्वारा बताया गया कि अगर उसने 50 लाख रुपए और नहीं भेजे तो पहले निवेश की गई रकम भी फंस सकती है। इसके बाद आशु को ठगी का एहसास हुआ। पैसे वापस मांगने पर ठगों ने पीड़ित से संपर्क तोड़ लिया।
गंवाई जिंदगी भर की कमाई
शिकायतकर्ता के मुताबिक उसने ठगी में जो रकम गंवाई है वह उसके जिंदगी भर की कमाई थी। निवेश पर मुनाफा कमाने के चक्कर में उसने रिश्तेदारों और दोस्तों से भी रकम उधार ली। ठगी हो जाने के बाद पीड़ित को इस बात की जानकारी हुई कि योजना के तहत उसे वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया था। ग्रुप के सभी सदस्य ठग गिरोह के ही सदस्य थे। सदस्यों द्वारा मुनाफे का स्क्रीनशॉट इसलिए डाला जा रहा था ताकि आशु को निवेश के लिए विवश किया जा सके। आखिर में ग्रुप के सदस्य ऐसा करने में सफल रहे और इंजीनियर ने लाखों की रकम गंवा दी। ठगों ने इंजीनियर को निवेश संबंधी प्रशिक्षण भी इस दौरान प्रदान किया।