- तकनीक बनाम सोच : शिक्षा के भविष्य पर संकट

(एपेक्स संस्थान प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, मोहाली, पंजाब।)
डॉ. अंकित गर्ग, प्रोफेसर | एक मशीन को कभी यह फर्क महसूस नहीं होता कि किसी शब्द से किसी का मन दुखा या नहीं, किसी कार्य से समाज पर क्या प्रभाव पड़ा। लेकिन इंसान वही है जो सोचता है, महसूस करता है, और दूसरों की भावनाओं को समझता है। जब हम शिक्षा से यह भावनात्मक जुड़ाव, नैतिक विमर्श, और तर्क की ताकत हटा देंगे, तब बचेंगे सिर्फ चलती-फिरती स्क्रिप्ट्स, न कि सोचने वाले इंसान।