- सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला।
नई दिल्ली: सीजेआई संजीव खन्ना ने याचिका को खारिज करने के साथ ही कहा कि इसे लगभग इतने साल हो गए हैं, अब इस मुद्दे को क्यों उठाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (25 नवंबर 2024) को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने संविधान की प्रस्तावना में 1976 में पारित 42वें संशोधन के अनुसार, “समाजवादी” और “धर्मनिरपेक्ष” शब्दों को शामिल करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि संसद की संशोधन शक्ति प्रस्तावना तक भी फैली हुई है। प्रस्तावना को अपनाने की तारीख संसद की प्रस्तावना में संशोधन करने की शक्ति को सीमित नहीं करती है। इस आधार पर, याचिकाकर्ता के तर्क को खारिज कर दिया गया। सीजेआई ने सुनवाई के दौरान कहा, “लगभग इतने साल हो गए हैं, अब इस मुद्दे को क्यों उठाया जा रहा है।”