नई दिल्ली: प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी है। इस बीच भारी संख्या में अर्धसैनिक बल के जवान प्रदर्शन स्थल पर पहुंच चुके हैं, जिन्हें देख अंदाजा लगाया जा रहा है कि छात्रों को प्रदर्शन स्थल से हटाया जा सकता है।
सोमवार सुबह से प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों ने इस विरोध प्रदर्शन को शुरू किया था। प्रतियोगी परीक्षा के छात्रों द्वारा पीसीएस प्री 2024 और आरओ/एआरओ 2023 प्री परीक्षा को लेकर विरोध किया जा रहा है और इसके लिए छात्रों की 2 मांगें हैं। हालांकि, इन मांगों को लेकर प्रशासन और आयोग के अफसरों के साथ बातचीत बेनतीजा रही है। फिलहाल जो हालात बने हुए हैं, उससे ये विरोध प्रदर्शन जल्द खत्म होता हुआ नहीं दिख रहा है।
लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के ह्यपीसीएस-प्री और आरओ-एआरओ’ की परीक्षा दो दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में मंगलवार को आंदोलन के दूसरे दिन छात्रों ने ड्रम, ढोल-ताशे आदि बजाकर अपनी आवाज बुलंद की। जिससे आयोग के भीतर बैठे अधिकारियों तक उनकी आवाज पहुंच सके। आंदोलनकारी छात्रों ने रात खुले आसमान के नीचे गुजारी और मंगलवार की सुबह से फिर से धरना प्रदर्शन में जुट गए और आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के खिलाफ नारेबाजी की।
दो या दो से अधिक पालियों में परीक्षा को लेकर आयोग ने कहा, उच्चतम न्यायालय द्वारा नीट परीक्षा के लिए गठित राधाकृष्णन समिति ने भी दो पालियों में परीक्षा कराने की सिफारिश की है। वहीं, पुलिस भर्ती परीक्षा कई पालियों में कराई गई। इस बीच, एक छात्र ने बताया कि आयोग के सचिव अशोक कुमार दो बार आयोग के गेट से बाहर आए और उन्होंने आंदोलन कर रहे छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र एक दिन, एक परीक्षा की अपनी मांग पर अड़े हैं। छात्रों ने कहा कि पिछले कई घंटों से छात्र लगातार संघर्ष कर रहे हैं और आयोग अपने रुख पर अड़ा है। उन्होंने कहा कि अगर संघ लोक सेवा आयोग एक ही दिन में परीक्षा करा सकता है तो इस आयोग को क्यों दिक्कत आ रही है।