Home Education News विडंबना: तपती दोपहर में जमीन पर पढ़ने को मजबूर छात्र, पढ़िए खबर

विडंबना: तपती दोपहर में जमीन पर पढ़ने को मजबूर छात्र, पढ़िए खबर

0
  • मेरठ कॉलेज मेरठ में आए दिन होने वाली परीक्षाओं से बाधित है शिक्षण कार्य,
  • एलएलएम द्वितीय सत्र के विद्यार्थियों ने जमीन पर बैठकर की पढ़ाई

शारदा रिपोर्टर

मेरठ। यह विडंबना ही कही जाएगी कि देश के सबसे पुरातन और नामचीन महाविद्यालयों में शुमार मेरठ कॉलेज मेरठ के विद्यार्थी तपती दोपहर में जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। यह मजबूरी महाविद्यालय में शिक्षण कक्ष या फर्नीचर आदि के कारण नहीं, बल्कि यहां आए दिन होने वाली परीक्षाओं के कारण है।

 

विडंबना: तपती दोपहर में जमीन पर पढ़ने को मजबूर छात्र | वीडियो || Sharda Express

 

बुधवार को मंडलायुक्त कार्यालय के सामने मेरठ कॉलेज मेरठ के गेट पर अजब नजारा देखने को मिला। जिसने भी यह नजारा देखा, वह पलभर को वहीं ठहर गया। क्योंकि यहां पर एक शिक्षक पत्थर की बैंच पर बैठकर जमीन में बैठे चार विद्यार्थियों को पढ़ा रहे थे। विद्यार्थी भी पूरी तन्मयता से शिक्षा ग्रहण कर रहे थे।

शारदा एक्सप्रेस के रिपोर्टर की जब नजर इन पर पड़ी और इनके पास जाकर यहां खुले आसमान के नीचे तपती दोपहर में जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने का कारण पूछा तो बहुत ही चौंकाने वाला मामला सामने आया।

महाविद्यालय के लॉ डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एमपी वर्मा ने बताया कि मेरठ कालेज मेरठ में इस सत्र के दौरान बाहरी परीक्षाएं ज्यादा आयोजित हो रही हैं। जिसके कारण कक्ष खाली नहीं रहते हैं। उन्होंने बताया कि कई बार लाइब्रेरी में जाकर शिक्षण कार्य किया गया, लेकिन आज वहां पर पहले से ही कई कक्षाएं संचालित थी। ऐसे में मजबूरी में उन्हें यहां कक्षा संचालित करनी पड़ी।

एमपी वर्मा ने बताया कि जो छात्र पढ़ रहे हैं, वह एलएलएम द्वितीय सत्र के छात्र हैं। जिनका इस सत्र में अभी तक सिलेबस आधा भी पूरा नहीं हुआ है। मात्र चार ही विद्यार्थियों की संख्या पर उन्होंने बताया कि छात्रों की संख्या ज्यादा है, लेकिन आए दिन कक्षा संचालन न होने से अब छात्रों ने भी आना बंद कर दिया है। आज इन छात्रों ने पढ़ाई के लिए जोर दिया, तो यहीं पर कक्षा संचालित कर दी। प्रोफेसर ने बताया कि आए दिन होने वाली परीक्षाओं से अब ऐसा लगता है कि उनकी नियुक्ति भी पढ़ाने के लिए नहीं बल्कि शिक्षण कार्य के लिए हुई है। प्राचार्या भी परीक्षाओं के कारण अपनी मजबूरी बताकर पल्ला झाड़ लेती हैं।

वहीं छात्र मोहित शर्मा ने बताया कि करीब ढाई माह से उनकी क्लास नहीं हुई है। क्योंकि लगातार यहां परीक्षा हो रही है। कमरे खाली नहीं रहते और प्रोफेसर परीक्षा ड्यूटी में रहते हैं। मोहित ने बताया कि उनकी 20 मई से परीक्षा है, लेकिन एक चौथाई कोर्स भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है। मोहित ने बताया कि पढ़ाई तो करनी है, इसलिए यह विकल्प चुना है। हालांकि बाहर बैठने से वाहनों की आवाज, धूप आदि परेशान कर रही है, लेकिन परीक्षा को देखते हुए कोर्स पूरा करना जरूरी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here