- ज्यादा लोग प्रभावित हुए तो हम देंगे दखल।
नई दिल्ली। बिहार में वोटर लिस्ट के एसआईआर यानी सघन पुनरीक्षण अभियान पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को हिदायत देते हुए कहा कि अगर बड़े पैमाने पर नाम काटे गए तो फिर कोर्ट दखल देगा।
आयोग से सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा कि आप संवैधानिक संस्था हैं, संविधान के मुताबिक चलिए। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को भरोसा दिया है कि मतदाता सूची से बड़े पैमाने पर लोगों के नाम काटे गए तो सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करेगा। इस मामले से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने 12-13 अगस्त को सुनवाई करने का फैसला किया है।
पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसे कानून का पालन करना होता है और अगर कोई अनियमितता है, तो याचिकाकर्ता इसे अदालत के संज्ञान में ला सकते हैं। पीठ ने सिब्बल और भूषण से कहा आप ऐसे 15 लोगों को सामने लाएं जिनके बारे में उनका दावा है कि वे मृत हैं, लेकिन वे जीवित हैं, हम इस पर विचार करेंगे। पीठ ने याचिकाकर्ता पक्ष और चुनाव आयोग पक्ष की ओर से लिखित प्रस्तुतियां/संकलन दाखिल करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए।
आधार और मतदाता पहचान पत्रों की वास्तविकता की धारणा पर जोर देते हुए, सोमवार को शीर्ष अदालत ने चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के मसौदे के प्रकाशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि वह चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के एसआईआर के खिलाफ दायर याचिकाओं पर एक बार और हमेशा के लिए फैसला सुनाएगी।
पीठ ने कहा जहां तक राशन कार्डों का सवाल है, हम कह सकते हैं कि उन्हें आसानी से जाली बनाया जा सकता है, लेकिन आधार और मतदाता पहचान पत्र की कुछ पवित्रता है और उनके असली होने की एक धारणा है। आप इन दस्तावेजों को स्वीकार करना जारी रखें।