- न्यायाधीश अनिल कुमार ने हत्यारे झारखेड़ी गांव के रहने वाले हिमांशु सैनी को मृत्यु दंड की सजा सुनाई।
शामली/कैराना। देशभर में चर्चित रहे शामली की पंजाबी कॉलोनी के रहने वाले प्रसिद्ध भजन गायक अजय पाठक व उनकी पत्नी स्नेहलता, पुत्री वसुंधरा व पुत्र भागवत की हत्या करने के मामले में दोष सिद्ध पाए जाने पर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार ने हत्यारे झारखेड़ी गांव के रहने वाले हिमांशु सैनी को मृत्यु दंड की सजा सुनाई। इसके साथ ही एक लाख 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।
जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) संजय चौहान ने बताया कि 30 दिसंबर 2019 की रात थाना आदर्श मंडी क्षेत्र की पंजाबी कॉलोनी निवासी भजन गायक अजय पाठक व उसकी पत्नी स्नेहलता, पुत्री वसुंधरा व पुत्र भागवत की अजय पाठक के शिष्य हिमांशु सैनी ने तलवार व खंजर से काट कर हत्या कर दी थी। हत्यारा भागवत के शव को अजय पाठक की गाड़ी की डिग्गी में बंद करके, घर से सोने-चांदी के गहने व नकदी लूट कर फरार हो गया था।
31 दिसंबर को परिवार के अन्य लोग अजय पाठक के घर पहुंचे तो हत्याकांड का पता चला। लेकिन मौके पर भागवत का शव नहीं मिला था। 31 दिसंबर को मृतक के बड़े भाई हरिओम पाठक ने थाना आर्दश मंडी पर अज्ञात में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 31 दिसंबर की सुबह ही हत्यारा हिमांशु सैनी अजय पाठक की कार की डिग्गी में भागवत को शव डाल कर पहले दिल्ली के बुराडी स्थित संतनगर में अपने फ्लैट पर गया तथा रात में पानीपत टोल प्लाजा पर पहुंचकर गाड़ी में आग लगा दी थी।
पानीपत पुलिस ने गाड़ी की आग बुझाते हुए हिमांशु सैनी को गिरफ्तार कर लिया था तथा आर्दश मंडी पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने हिमांशु सैनी से अजय पाठक के घर से लूटे गये 22 लाख के गहने व दो लाख की नकदी तथा तलवार व खून से सना खंजर बरामद किया था। पुलिस ने चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर दी थी।
17 मई को जनपद न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने व पत्रावलियों का अवलोकन करने के बाद हिमांशु सैनी को हत्याकांड का दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रखा था। बुधवार को जिला शासकीय अधिवक्ता संजय चौहान व वादी के अधिवक्ता ठाकुर दुष्यंत सिंह ने मुजरिम को फांसी देने की मांग की, जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता अजय सेहरावत ने फांसी का विरोध किया।
शाम चार बजे जनपद एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार ने मुजरिम हिमांशु सैनी को चौहरे हत्याकांड का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई। जिसके बाद बंदी रक्षक मुजरिम हिमांशु सैनी को कोर्ट से वापस जेल ले गए। शामली के इतिहास में पहली बार हत्या के मामले में किसी हत्यारे को फांसी की सजा सुनाई गई।
अधिवक्ता ठाकुर दुष्यंत सिंह ने बताया कि इससे पहले जिले में किसी को भी फांसी की सजा नहीं सुनाई गई थी।
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