- अब इस मामले की अगली और अहम सुनवाई नवंबर में होगी।
नई दिल्ली: देश भर के यू-ट्यूबरों और इंफ्लुएंसर्स के लिए बड़ी जरूर खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जाने वाले तमाम कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए प्रस्तावित दिशानिदेर्शों का रिकॉर्ड अदालत में पेश करे। इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी साफ किया कि ये दिशानिर्देश समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण के परामर्श के साथ तैयार किए जाएं। अब इस मामले की अगली और अहम सुनवाई नवंबर में होगी।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दुरुपयोग को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। कोर्ट ने कहा कि प्रभावशाली लोग इस स्वतंत्रता का व्यवसायीकरण कर रहे हैं, जिससे दिव्यांग, महिलाएं, बच्चे, वरिष्ठ नागरिक और अल्पसंख्यकों की भावनाएं आहत हो सकती हैं। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने केंद्र को हिदायत दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कि वह पॉडकास्ट जैसे आॅनलाइन शो सहित सोशल मीडिया पर आचरण को विनियमित करने के लिए राष्ट्रीय प्रसारकों और डिजिटल एसोसिएशन के साथ मिलकर दिशानिर्देश तैयार करे। अधिवक्ता निशा भंभानी ने इस मामले में डिजिटल एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व किया।
कोर्ट ने कहा कि इन दिशानिदेर्शों का उद्देश्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और समाज के विभिन्न वर्गों के सम्मानजनक जीवन के अधिकार के बीच संतुलन बनाना होना चाहिए।