नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत कठर विक्रांत के दौरे पर हैं। यह दौरा आॅपरेशन सिंदूर की शानदार सफलता के बाद हो रहा है, जिसमें भारतीय नौसेना ने अपनी ताकत और रणनीतिक क्षमता का लोहा मनवाया है। अरब सागर में तैनात कठर विक्रांत पर रक्षा मंत्री ने नौसेना के अधिकारियों और जवानों से मुलाकात की है, उनका हौसला बढ़ाया है और आॅपरेशन की सफलता पर चर्चा की है। आॅपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना ने अपने कैरियर बैटल ग्रुप के साथ उत्तरी अरब सागर में फॉरवर्ड डिप्लॉयमेंट किया था। इस ग्रुप का नेतृत्व कठर विक्रांत ने किया, जिसमें 8 से 10 वॉरशिप्स, जैसे डिस्ट्रॉयर और स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट, शामिल थे।
इस तैनाती ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि यदि वह तनाव बढ़ाता है, तो भारतीय नौसेना न केवल उसके युद्धपोतों, बल्कि जमीनी ठिकानों को भी निशाना बना सकती है। नतीजतन, पाकिस्तानी नौसेना कराची नेवल बेस से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा सकी और उसने सीजफायर की मांग की।