शारदा रिपोर्टर मेरठ। मध्य प्रदेश में ब्राह्मण समाज की बेटियों को लेकर पूर्व आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी का विरोध अब मेरठ तक पहुँच गया है। शुक्रवार को परशुराम स्वाभिमान सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय भारद्वाज के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ता मेरठ एसएसपी कार्यालय पहुँचे और पूर्व अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।

अजय भारद्वाज ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि पूर्व कअर संतोष वर्मा ने 23 फरवरी 2025 को सार्वजनिक मंच से बयान देते हुए कहा था कि जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को नहीं देता, तब तक आरक्षण नहीं रुकेगा। जब तक रोटी-बेटी का व्यवहार नहीं होगा, तब तक आरक्षण जारी रहेगा।
भारद्वाज के अनुसार, यह बयान न केवल ब्राह्मण और सवर्ण समाज की सामूहिक गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला है, बल्कि सामाजिक संरचना, धार्मिक-सांस्कृतिक मूल्यों और आपसी सौहार्द पर सीधा प्रहार है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कथन समुदायों के बीच वैमनस्य बढ़ाने और जातीय तनाव भड़काने वाला है।
शिकायत में लगाए गए प्रमुख आरोपों में कहा गया है कि यह बयान जातिसूचक, सांप्रदायिक एवं संविधान विरोधी है। ब्राह्मण व सवर्ण समुदाय की धार्मिक-
सांस्कृतिक भावनाएँ आहत हुई हैं। एक पूर्व प्रशासनिक अधिकारी होने के नाते संतोष वर्मा से मर्यादित और संतुलित आचरण की अपेक्षा थी, परंतु उनका वक्तव्य प्रशासनिक गरिमा के विपरीत है। आरोप है कि उन्होंने अपने सार्वजनिक पद के प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए समुदाय विशेष को लक्षित किया, जो दंडनीय है।
अजय भारद्वाज ने मांग की कि संतोष वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति समाज और समुदाय की मर्यादा के खिलाफ इस प्रकार के उत्तेजक बयान देने का दुस्साहस न करे।
एसएसपी मेरठ विपिन ताड़ा ने प्रतिनिधिमंडल की शिकायत सुनने के बाद उचित कानूनी
कार्रवाई का आश्वासन दिया। समाज के लोगों ने उम्मीद जताई कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द एफआईआर दर्ज करेगा। ब्राह्मण समाज और परशुराम स्वाभिमान सेना के कार्यकतार्ओं ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।



