मेरठ। विशाल गौरैया के मुखौटे पहने हुए और हाथों में प्रयोगकर्ता क्रिस्टीन लैटिन ने क्रूर परीक्षणों में गौरैया को मार डाला और गौरैया के दिमाग को नुकसान पहुंचाना और डराना कोई विज्ञान नहीं है जैसे संकेत लिखे बोर्ड पकड़कर पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट आॅफ एनिमल्स इंडिया के समर्थक चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के बाहर मंगलवार को एकत्र होकर लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी की कुख्यात प्रयोगकर्ता क्रिस्टीन लैटिन द्वारा दिए जाने वाले भाषण का विरोध किया।
इस प्रदर्शन के माध्यम से क्रिस्टीन लैटिन को यह संदेश दिया कि चिड़ियों पर अपने क्रूर और निराधार परीक्षण करना क्रूरता है, वह अपने बेतुके प्रयोगों हेतु चिड़ियों को अनेकों यातनाएं देती है जैसी उन्हें ट्रांसमीटर लगाना, इंजेक्ट करना, अनजानी वस्तुएं दिखाना, उनके सिर काट देना, और इन भीषण व क्रूर प्रयोगों में ही उन्हें मार देना।
पेटा इंडिया की विज्ञान नीति सलाहकार डॉ. अंजना अग्रवाल कहती हैं क्रिस्टीन लैटिन के निरर्थक प्रयोगों के लंबे इतिहास ने उन्हें केवल एक चीज का विशेषज्ञ बनाया है, यह है चिड़ियों को पकड़ना, उन्हें आतंकित करना और फिर मार डालना। पेटा इंडिया लैटिन के अत्याचारों को और उम्मीद करता है कि लोग यह जानकर चौंक जाएंगे पक्षियों पर क्या अत्याचार होते हैं। अमेरिका के 1,34,000 से अधिक समर्थकों ने लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी से अनुरोध किया है कि इन क्रूर परीक्षणों के नाम पर वह क्रिस्टीन लैटिन को अनुदान देना बंद करे।