- मूक-बधिर दुष्कर्म पीड़िता ने की थी आत्महत्या
- गैंगरेप पीड़ित की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई, दो आरोपी मुठभेड़ में घायल, गिरफ्तार।
गाजियाबाद। गैंगरेप पीड़ित दिव्यांग लड़की की लाश गुरुवार सुबह फंदे से लटकी मिली। मामला दलित समाज से जुड़ा था, इसके चलते कानून व्यवस्था संभालने के लिए शहर और देहात की फोर्स लोनी में तैनात कर दी गई। पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड खुद शहर में शहर में राउंड करते रहे।
वहीं, एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी और डीसीपी देहात एसएन तिवारी 12 घंटे तक कैंप करते रहे। अधिकारियों ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया कि जो भी रेप की घटना में शामिल हैं उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। शाम को दो आरोपियों को पुलिस ने दोनों पैर में गोली मारकर अरेस्ट किया।
23 साल की दलित युवती लोनी थाना क्षेत्र में कस्बा चौकी के पास की रहने वाली थी। युवती के पिता सामाजिक संगठनों से जुड़े हैं। 19 अगस्त की शाम को युवती घर से बाहर चली गई, जहां 2 व्यक्ति युवती को पास में सुनसान जगह ले गए। बताया गया कि तीसरा युवक भी बुला लिया। जहां आरोपियों ने युवती के साथ गैंगरेप किया। 21 अगस्त की सुबह युवती का शव घर के कमरे में पंखे से लटका मिला। इसी कमरे में एक स्टूल भी रखा था।
पिता ने कहा कि बेटी मेरे व अपनी मां के पास सोती थी। बेटे दूसरे कमरे में सोते थे। दूसरी बेटी की शादी हो चुकी है। गुरुवार सुबह जब उठे तो बेटी का शव कमरे में पंखे से लटका मिला। पुलिस और और फोरेंसिक एक्सपर्ट ने क्राइम सीन देखा।
इतनी ऊंचाई से मानसिक विक्षिप्त युवती फांसी कैसे लगा सकती है। जिसके बाद अधिकारी भी पहुंचे। पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हैंगिंग से मौत सामने आई है। परिवार ने भी सुसाइड ही होना बताया।
युवती के पिता की दलित समाज में एक पहचान है, जहां उनकी बेटी की मौत के बाद भारी भीड़ जुट गई। पिता ने कहा- ऊपर वाले ने मेरी 23 साल की बेटी को मूक-बधिर बनाया, यानी बोल और सुन नहीं पाती थी। मानसिक तौर पर भी दिव्यांग थी।
पिता ने कहा कि बेटी पहले भी आसपास चली जाती थी, तो कोई भी उसे छोड़ने घर आ जाता था। कई बार पुलिसकर्मी भी घर पर छोड़ने आए। लेकिन इन दरिदों ने बेटी के साथ दरिंदगी की, जिन्हें सजा दिलाकर रहूंगा। पिता ने रोते बिलखते कहा कि जैसा मेरी बेटी के साथ हुआ ऐसा ही दरिंदों के साथ हो, पुलिस एनकाउंटर करे।
युवती की मां और परिवार के लोग शव से लिपटकर रोते रहे। जहां मां ने बिलखते हुए कहा कि जब बेटी घर लौटी तो तब उसकी हालत ठीक नहीं थी, पुलिस को बुलाया। हमें लगा कि बेटी के साथ गलत हुआ है। भगवान ने कौन सा बदला हमसे लिया, हमारी बेटी मानसिक विक्षिप्त नहीं होती तो आज हम भी उसकी शादी करते, लेकिन हमनें कभी उसके पालने में कमी नहीं की, लेकिन पता नहीं उस बेटी के साथ यह काम करने वालों को क्या लगा। ऐसे लोग जेल से बाहर नहीं निकलने चाहिए।
आसपास बैठकर शराब पीते थे आरोपी
रोहित और वीर सिंह ने पुलिस को बताया कि हम आसपास शराब पीते थे। यह युवती वहां आ जाती थी। घटना के समय हम शराब के नशे में थे, जहां युवती के साथ गलत काम किया। पुलिस ने इस घटना में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 8 टीमें लगाईं। सीसी टीवी फुटेज से आरोपियों तक पुलिस पहुंची। पता चला कि दोनों पड़ोसी गांव के हैं।
पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में दोनों के दाहिने व बाये पैर में गोली लगी। दोनों घायलों ने बताया कि लोनी में शराब के नशे में मंदबुद्धि युवती को वह सुनसान स्थान पर लेकर गए, और उसके साथ रेप किया। पुलिस ने मौके से 2 तमंचे, एक बाइक बरामद की है। घायलों में रोहित (33)पुत्र धर्मवीर निवासी ग्राम निठौरा थाना लोनी गाजियाबाद। वीर सिंह उर्फ भोला (53) पुत्र ज्ञान चन्द्र निवासी ग्राम निठौरा थाना लोनी गाजियाबाद हैं।
लॉ एंड आॅर्डर के चलते पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी, डीसीपी देहात सुरेंद्रनाथ तिवारी, 3 एसीपी और 10 थाना प्रभारी लगाए गए। जहां आसपास के पूरे क्षेत्र में 500 जवान तैनात किए। जिससे कोई माहौल न बिगाड़ सके। पीड़िता के पिता ने पुलिस अधिकारियों से हाथ जोड़कर कहा कि हम आरोपियों का एनकाउंटर चाहते हैं, दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो।