- दीक्षांत से पहले सीसीएसयू के कुलपति के खिलाफ पोस्टर लगे,
- छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने खोला मोर्चा।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। 22 सितंबर को प्रस्तावित दीक्षांत समारोह से कुछ दिन पहले छात्रों और सामाजिक कार्यकतार्ओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए शहरभर में पोस्टर चस्पा कर विरोध दर्ज कराया है।
इन पोस्टरों में कुलपति एवं तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर सीधे तौर पर भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितताओं और मनमानी नियुक्तियों के आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने करोड़ों रुपए के घोटालों को अंजाम दिया है और पारदर्शिता के अभाव में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
हाल ही में सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता आदेश प्रधान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विश्वविद्यालय प्रशासन पर बड़े वित्तीय घोटालों और कार्यप्रणाली में भारी गड़बडिय़ों का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की कार्यशैली में जवाबदेही का अभाव है और उच्च अधिकारी मनमाने ढंग से निर्णय ले रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर आरटीआई एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पहल एडवोकेट भी लगातार सोशल मीडिया के जरिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला के खिलाफ बयान दे रहे हैं। संदीप पहल ने उन पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप सोशल मीडिया के जरिए लगाए हैं। इसके अलावा कई पुरातन और वर्तमान छात्र भी लगातार कुलपति पर भ्रष्टाचार और मनमाने ढंग से काम करने का आरोप लगा चुके हैं।
शहर के प्रमुख चौराहों, दीवारों और सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए इन पोस्टरों से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। दूसरी ओर, छात्रों और सामाजिक संगठनों में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है।
दीक्षांत समारोह से ठीक पहले उठा यह विवाद विश्वविद्यालय की छवि पर सवाल खड़े कर रहा है। छात्रों और समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा उठाए गए इन मुद्दों को लेकर शासन से भी जवाबदेही की मांग की जा रही है।