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Friday, November 14, 2025
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हिंदुओं के उत्पीड़न पर मांगा जवाब, क्रांतिधरा पर उमड़ा जन सैलाब

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  • बांग्लादेश में अत्याचार: आधा दिन की बंदी कर तमाम संगठनों के लोगों ने हजारों की संख्या में निकाला शांति मार्च।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और कत्लेआम की गूंज क्रांति धरा मेरठ पहुंची तो हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। शुक्रवार को बाजार बंदी का ऐलान करते हुए मेरठ बंद रहा। इस दौरान दर्जनों व्यापारी गुट, स्कूल, सामाजिक संगठन और संस्थाएं बुढ़ाना गेट पहुंचे। इस दौरान व्यापारियों ने बुढ़ाना गेट से कमिश्नरी चौराहे तक शांति मार्च निकाला और हिंदुओं से एकजुट होने की अपील करते हुए सभी प्रतिष्ठानों को बंद रखने का आवाहन किया।

 

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की गूंज पहुंची मेरठ, क्रांतिधरा पर उमड़ा जन सैलाब

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शांति मार्च के दौरान गूंज रहे नारों के बीच ऐसा माहौल नजर आ रहा था, मानों पूरा मेरठ गम और गुस्से में हो। महिलाओं के साथ जो घटनाएं बंगलादेश में हुई उससे मेरठ की हजारों महिलाएं इंसाफ की आवाज उठाकर सड़कों पर उतर आई और भारत सरकार से हिन्दुओं पर हमला करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। बड़े बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं सभी सड़कों पर थे। शहीद मंगल पाण्डेय की प्रतिमा बुढ़ाना गेट पर इकट्ठा होकर हजारों लोगों ने कलेक्ट्रेट तक मार्च निकाला। इस दौरान मेरठ बंद कर और शांति मार्च निकाल बड़ा संदेश दिया गया। हाथों में जो तख्तियां थी उन पर लिखा था हिंदू हिंसक नहीं है लेकिन कमजोर भी नहीं है।

 

 

सुरक्षा को लेकर रहे कड़े इंतजाम: जब सैंकड़ों की तादाद में व्यापारी, महिलाएं, युवा और बुजुर्ग कमिश्नरी चौराहे पर पहुंचे तो पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने परिस्थितियों को देखते हुए पहले ही सुरक्षा का खासा इंतजार किया हुआ था। शांति मार्च के दौरान कहीं थानों की पुलिस के अलावा एसएसपी डा विपिन ताडा, एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह, एसपी क्राइम, सीओ और एसओ भी कमिश्नरी पर तैनात रहे।

हालांकि इस दौरान व्यापारियों ने शांति मार्च निकाला और भारत सरकार को संबोधित ज्ञापन एडीएम प्रशासन को सौंप कर वापिस लौट गए। लेकिन जब तक व्यापारियों का प्रदर्शन जारी रहा, तब तक पुलिस मुस्तैद नजर आई।

 

 

व्यापारी गुटों का मिला समर्थन: आज के शांति मार्च में सभी व्यापारी गुट एक नजर आए। बुढ़ाना गेट व्यापार संघ, शास्त्री नगर सेंट्रल मार्केट, सदर बाजार, आबूलेन, बेगमपुल, कंकरखेड़ा, लालकुर्ती आदि व्यापार संघ के बाजार बंद रहे और सभी ने भारत सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला करने वालों पर कार्यवाही की मांग की।

इस दौरान संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता, अजय गुप्ता, महामंत्री सरदार दलजीत सिंह, कोषाध्यक्ष पवन मित्तल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमल ठाकुर, ललित गुप्ता अमूल, अंकुर गोयल, गजेंद्र शर्मा, विकास गिरधर, लल्लू मक्कड़ समेत सदर व्यापार मंडल के अध्यक्ष विशाल आनंद, महामंत्री सुनील दुआ, नीरज मित्तल, मेरठ मंडल व्यापार प्रकोष्ठ के शैंकी वर्मा, जीतू नागपाल, कुशान शर्मा, विशू, रोहित शर्मा, मनोज शर्मा समर्थ अग्रवाल आदि गोयल, तरुण शर्मा, मोहित आदि का विशेष समर्थन व्यापारियों को मिला। इनके अलावा पूर्व पार्षद ललित नागदेव, पूर्व पार्षद और गौरक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संजीव अग्रवाल, भाजपा महिला मोर्चा की नेता डा. अंजू वारियर आदि मौजूद रहे।

यह बाजार रहे बंद: सेंट्रल मार्केट, बुढ़ाना गेट, बेगमपुल, आबूलेन, सदर बाजार, खैरनगर, शहर सराफा, दालमंडी, नीलगली, शारदा रोड़, बागपत रोड़, कंकरखेड़ा, पल्लवपुरम, भगत सिंह मार्केट, लालकुर्ती पैंठ बाजार सहित तमाम बाजार बंद रहे।

 

 

आईएमए ने भी दिया अपना समर्थन

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और नरसंहार के विरोध में आईएमए के चिकित्सक भी समर्थन में आ गए। शुक्रवार को शहर के सभी चिकित्सकों ने दोपहर एक बजे तक अपने क्लिनिक बंद रखे। इस बीच ओपीडी कार्य स्थगित रहेगा, लेकिन मरीजों की परेशानियों को देखते हुए सभी प्रकार आपातकालीन सेवाएं सुचारू रही। आईएमए अध्यक्ष डॉ. संदीप जैन ने बताया कि बुधवार शाम आईएमए मेरठ शाखा की आपातकालीन आॅनलाइन बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया।

आर्य समाज ने भी दिया समर्थन

आर्य समाज थापरनगर के प्रधान राजेश सेठी और केंद्रीय आर्य समिति के मंत्री रविंद्र सिंह ने बताया कि आर्य समाज पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ इस प्रदर्शन में सहभागी रहे।

50 से ज्यादा स्कूलों के बंद होने की बात आई सामने

बंद के समर्थन में शुक्रवार को कई स्कूलों में भी अवकाश की घोषणा की गई। हालांकि, इन स्कूलों की लिस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। आधिकारिक रूप से कोई ऐलान नहीं किया गया था। स्कूलों को बंद रखने के लिए व्यापार संघ ने स्कूल संचालकों से संपर्क किया गया था। ताकि बंद को ऐतिहासिक बनाया जा सके।

बच्चों ने भी लिया उत्साह से प्रतिभाग

इस शांति मार्च में बच्चों ने भी बड़ी संख्या में उत्साह के साथ प्रतिभाग किया। एक बच्ची तलवार लेकर महिला अत्याचार के खिलाफ सशक्तिकरण का परिचय देती हुई आगे-आगे चल रही थी। उसके पीछे बड़ी संख्या में बालिकाएं पंक्तिबद्ध होकर मार्च में शामिल हुई।

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