इंद्रप्रस्थ एस्टेट सहकारी आवास समिति के सचिव ने डीएम और कमिश्नर से की शिकायत।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। इंद्रप्रस्थ एस्टेट सहकारी आवास समिति के सचिव ने समिति के सदस्यों के साथ डीएम और आयुक्त से शिकायत कर अवैध आवासों के निवासियों को सोसायटी निर्वाचन में शामिल करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।
सचिव नरेश कुमार ने बताया कि इंद्रप्रस्थ एस्टेट सहकारी आवास समिति की प्रथम फेज की कॉलोनी में स्थित सरकारी भूमि को सत्यपाल सिंह देशवाल और कथित सचिव राजपाल सिंह चौधरी द्वारा बेच कर उस पर अवैध रूप से आवास बनवा दिए गए थे। जब इसकी शिकायत की गई तो जांच में जमीन सरकार की निकली। लेकिन जांच रिपोर्ट के बाद भी इस जमीन पर न केवल कब्जा होता रहा, बल्कि मेडा की मिलीभगत से आवास भी बनते रहे।
अब इन अवैध आवासों में रहने वाले लोगों को कथित रूप से साजिश के तहत इंद्रप्रस्थ एस्टेट सहकारी आवास समिति का सदस्य बनाकर निर्वाचन की तैयारी की जा रही है। ताकि दोबारा से पूर्व में दोष सिद्ध लोग अपना कब्जा बरकार रख सकें। लोगों ने आरोप लगाया कि जब इस मामले की शिकायत की गई तो सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता दीपक थरेजा ने निर्वाचन कार्य की प्रक्रिया को बढ़ाते हुए भूमाफियाओं से सांठ-गांठ करके पोर्टल पर गुमराह करने वाला जवाब डाल दिया है।
समिति सचिव ने मांग की थी कि इस सरकारी भूमि पर काबिज लोगों को इन्द्रप्रस्थ समिति की सूची में शामिल कर निर्वाचन न कराया जाये। इस पर पर्दा डालते हुए धनलाभ लेते हुए सभी साक्ष्यों और आदेशों को नजरअंदाज करते हुए गुमराह कर निर्वाचन कार्य धडल्ले से शुरू कर भूमाफियाओं को काबिज कराने का षडयन्त्र किया जा रहा है। इसलिए इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराकर कार्रवाई की जाए।