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Monday, November 24, 2025
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Meerut Pollution: दौड़ते पुराने खटारा वाहन कर रहे हवा को जहरीली

- मेरठ में सांसों पर प्रदूषण का शिकंजा कसता जा रहा है। सोमवार को देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में मेरठ चौथे पायदान पर रहा। लेकिन, देखने वाली बात यह है कि, जनपद मेरठ में धड़ल्ले से दौड़ रही गाड़ियां भी बढ़ते प्रदूषण का कारण बन रही है। यह हम नहीं विशेषज्ञ बोल रहे है।

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– प्रदूषण के स्तर को बढ़ावा दे रही ओवर ऐज गाड़ियां, शहर में धड़ल्ले से चल रहे एनसीआर में बैन हुए वाहन।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। शहर में रात के तापमान में गिरावट और हवा की धीमी रफ्तार के कारण प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। मेरठ का एक्यूआई 396 पहुंचने से यह देश के चौथे सबसे प्रदूषित शहर बन गया। अगले दो हफ्तों में प्रदूषण में राहत की उम्मीद नहीं है। रात के तापमान में गिरावट और हवा की धीमी रफ्तार से मेरठ में सांसों पर प्रदूषण का शिकंजा कसता जा रहा है। सोमवार को देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में मेरठ चौथे पायदान पर रहा। लेकिन, देखने वाली बात यह है कि, जनपद मेरठ में धड़ल्ले से दौड़ रही गाड़ियां भी बढ़ते प्रदूषण का कारण बन रही है। यह हम नहीं विशेषज्ञ बोल रहे है।

 

 

दरअसल, पंद्रह साल की मियाद पूरी कर चुकी दिल्ली से निकाली गई गाड़ियां एनसीआर में बैन कर दिए जाने के बावजूद मेरठी अफसरों की कृपा से शहर की सड़कों में बे-रोकटोक दौड़ रही हैं और प्रदूषण का जहर परोस रही हैं। इन गाड़ियों में ज्यादातर छोटी बसें हैं जो मेरठ में अवैध रूप से तमाम रूटों पर दौड़ रही हैं। इसके बाद भी पुलिस और आरटीओ के अफसर या तो बे-खबर हैं या फिर खबर होते हुए भी खास वजहों से इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

ओवरऐज होने के चलते दिल्ली से निकाले गए ऐसी तमाम गाड़ियां मेरठ में मोदीपुरम से सरधना व परतापुर रूट पर दौड़ रही हैं। केवल इन दो रूटों पर ही नहीं बल्कि उन तमाम रूटों पर दौड़ रही हैं जहां परमिट होना ना होना इतना जरूरी नहीं है जितना जरूरी आरटीओ और पुलिस के अफसरों से सेटिंग का होना जरूरी है। उसी के बूते दिल्ली की ओवरऐज ये ओवरऐज गाड़ियां मेरठ में आकर संजीवनी पा रही हैं। एक अनुमान के तहत दिल्ली से बाहर कर दिए गए ऐसे करीब पांच सौ डिजल वाहन मेरठ की आबाहवा को जहरीली बना रहे हैं।

पर्यावरण कार्यकर्ता रवि शर्मा ने कहा कि दिल्ली प्रदूषण कम करने के नाम पर अपनी समस्या दूसरे शहरों पर थोप रही है। ये डीजल गाड़ियां मानकों पर खरी नहीं उतरतीं, इसलिए उनका धुआं खतरनाक स्तर पर प्रदूषण फैला रहा है।

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि वह दिल्ली से आने वाले वाहनों पर नजर रख रहे हैं। जिसमें पुरानी डीजल गाड़ियों को चेक किया जाएगा। लेकिन स्थायी समाधान के लिए केंद्र सरकार को इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना होगा।

सड़कों पर हजारों ओवरऐज गाड़ियां

दरअसल ग्रेप थ्री के सख्त नियमों के तहत पुरानी डीजल गाड़ियों पर बैन लगने से हजारों वाहन राजधानी से बाहर कर दिया गया है। ऐसी गाड़ियों को लेकर नोएडा व गाजियाबाद के अफसर पूरी सख्ती बरत रहे हैं, लेकिन जिसके बाद ऐसे आउट डेटेड डीजल वाहनों ने मेरठ को अपना ठिकाना बना लिया है। यहां ऐसे वाहनों का काला धुआं हवा को और जहरीला बना रहा है।

 

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