- किसी जानवर के द्वारा भाविका को ले जाने की पुलिस में है चर्चा,
- लेकिन तांत्रिक क्रिया के लिए हत्या की चर्चा कर रहे ग्रामीण।
- शक के आधार पर उठाए गए तीनों व्यक्तियों को भी पुलिस मान रही बेकसूर,
- घटना के 36 घंटे बाद ही रहस्य बनी है ढाई साल की मासूम भाविका की हत्या।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। भावनपुर थाना क्षेत्र में मंगलवार को हुई ढाई साल की मासूम बच्ची की मौत पुलिस के लिए रहस्य बनी हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आला अधिकारी दुष्कर्म की बात से इंकार कर रहे हैं। वहीं शरीर के जख्मों को भी धारदार हथियार के बजाए किसी के नोंचे जाने की बात कहकर पूरे मामले को पुलिस अधिकारियों ने उलझा दिया है। ऐसे में पुलिस की थ्योरी जहां किसी जानवर द्वारा भाविका को उठाकर ले जाने की तरफ इशारा कर रही है, तो शव को देखने वाले ग्रामीणों के अनुसार यह तंत्र क्रिया में हत्या होना बता रही है।
गाजियाबाद के सिंहानीगेट थाना क्षेत्र के रहने वाले अनिल कुमार अपनी पत्नी सपना और बच्चों के साथ लोहियानगर थाना क्षेत्र के ग्राम फतेहपुर में अपने साले की शादी में शामिल होने आए थे। सोमवार रात उनके साले चमन की बारात भावनपुर थाना क्षेत्र के गांव दतावली गई थी। जहां पर अनिल भी सपरिवार गए थे।
देर रात जब फेरों की रस्म शुरू हुई तो सपना अपने दोनों बच्चों बेटे युग ( छह वर्ष) और बेटी भाविका (ढाई वर्ष) को घर के बाहर चारपाई पर सुलाकर पति के साथ फेरों की रस्म में शामिल हो गई। कुछ देर बाद उसने बाहर आकर देखा तो बेटी भाविका गायब थी। इसके बाद भाविका की तलाश शुरू हुई तो सुबह तीन बजे उसका शव गांव से करीब एक किमी दूर काली नदी के पास पड़ा मिला।
उसके कपड़े पूरी तरह फटे हुए थे और शरीर पर जख्मों के निशान थे। भाविका के शव का पोस्टमार्टम चिकित्सकों की टीम से कराया गया। जिसकी रिपोर्ट में बताया गया कि बच्ची के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ है। लेकिन साथ ही सबसे चौंकाने वाली रिपोर्ट ये थी कि बच्ची के शव पर जो जख्म हैं, वह किसी धारदार हथियार के नहीं बल्कि किसी जानवर जैसे पंजों के हैं। जिससे लगता है कि उसे नोंचा गया है।
यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट किसी के भी गले नहीं उतर रही है। क्योंकि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बच्ची के शव पर
धारदार हथियार से काटे जाने के निशान हैं। उसके गले, हाथ और पैर आदि पर जख्म थे, जिनसे खून रिस रहा था। शव को देखने वालों का कहना था कि पहली ही दृष्टि में उसके साथ दुष्कर्म जैसी बात नजर नहीं आ रही थी, लेकिन हत्या बहुत ही क्रूरता से की गई है, यह साफ है। ऐसे में ग्रामीणों की मानें तो तांत्रिक क्रिया में हत्या की आशंका है।
हिरासत में लिए गए बेकसूर: सूत्रों के अनुसार पुलिस ने सुबह ही शक के आधार पर दतावली के तीन लोगों को हिरासत में लिया था। मृतक बच्ची के तहेरे मामा जो कि अधिवक्ता हैं, उन्होंने भी उन तीनों को नामजद कर दिया। जबकि तब तक किसी को पता नहीं था कि हत्यारा कौन है और उसका मकसद क्या है? लेकिन रात में हुई गहनता से पूछताछ के बाद पुलिस का मानना है कि हिरासत में लिए गए लोग बेकसूर हैं। लेकिन अभी उनसे पूछताछ चल रही है।
गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार
भाविका के शव को उसके परिजन मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद अपने घर गाजियाबाद ले गए। जहां पर देर शाम उसका गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पुलिस के लिए चुनौती है खुलासा
भाविका हत्याकांड का खुलासा पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। क्योंकि हत्या का मकसद और हत्यारे दोनों ही सामने नहीं हैं। ऐसे में पुलिस को बहुत ही गहनता से इसकी जांच करनी होगी। लेकिन जिस तरह मंगलवार से ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आधार बनाकर पुलिस ने रवैया बनाया है, उससे लगता है कि यह केस जल्दी ही बंद हो जाएगा।
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