शारदा रिपोर्टर मेरठ। तापमान के साथ-साथ अब मच्छर जनित रोगों का खतरा बढ़ रहा है। जिस तरह से मच्छर फैल रहे हैं, इससे आने वाले दिनों में बीमारियां बढ़ने का अंदेशा है। लोगों को मच्छरों से अपने आप का खुद ही बचाव करना होगा। क्योंकि, मच्छरों को पनपने से रोकने वाला मलेरिया विभाग खुद बीमार है। इनके पास न स्टाफ पूरा है और न ही गाड़ियां। करीब 10 साल से कीट संग्रहकर्ता के 2 पद खाली चल रहे हैं। 80 के दशक तक यहां छिड़काव करने वालों की संख्या 64 थी, मगर अब 14 रह गई है।
मलेरिया विभाग के मुताबिक, शहर के अलग-अलग इलाकों में मच्छरों की अलग-अलग प्रजातियां हैं। ये कई तरह के वायरस और पैरासाइट के जरिए विभिन्न बीमारियां फैलाते हैं। मच्छर बहुत तेजी से बढ़ते और काटते हैं, इसलिए ये मच्छर खतरनाक हैं। मादा मच्छर की उम्र नर के मुकाबले ज्यादा होती है। मादा एडीज एक बार में 50 से 100 अंडे देती है। यह एक दिन में 70 से 80 लोगों को काट सकती है।
एंटी लारवा स्प्रे कराया जा रहा है। एक अप्रैल से संचारी रोग अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा आशाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है, जो घर-घर जाकर लोगों को मच्छर जनित रोगों से बचाव के प्रति जागरूक करेंगी। – डॉ. सत्यप्रकाश, जिला मलेरिया अधिकारी
मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए फॉगिंग की तैयारी चल रही है। कोशिश है कि एक सप्ताह में यह शुरू हो जाए। – डॉ. हरपाल सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी