– 18 वर्ष पहले बारात में मारपीट होने के मामले में थानेदार ने घर में घुस की थी पिटाई।
महाराजगंज। बरातगाढ़ा गांव में साल 2006 में एक बरात में मारपीट हो गई थी। मामले में गांव के गोपीनाथ को भी आरोपी बनाया गया था। आरोप है कि तत्कालीन थानेदार दीपन ने हमराहियों के साथ गोपीनाथ को घर में घुसकर पीटा था। पीड़ित ने थानेदार व हमराहियों की पुलिस के उच्चाधिकारियों से शिकायत की, पर कोई कार्रवाई न होने पर सीजेएम कोर्ट में वाद दाखिल किया।
फरेंदा (महराजगंज) क्षेत्र के बरातगाढ़ा गांव में 2006 में एक व्यक्ति की घर में घुसकर पिटाई के मामले में 10 साल से पेश नहीं हो रहे तत्कालीन थानेदार दीपन यादव को कोर्ट ने जेल भेज दिया।
लखनऊ के पारा राजाजीपुरम निवासी दीपन साल 2018 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वह कोर्ट से जारी रिकॉल वारंट निरस्त कराने की अर्जी दाखिल करने फरेंदा के सिविल जज की अदालत में पेश हुए थे।
मामले के अनुसार, बरातगाढ़ा गांव में साल 2006 में एक बरात में मारपीट हो गई थी। मामले में गांव के गोपीनाथ को भी आरोपी बनाया गया था। आरोप है कि तत्कालीन थानेदार दीपन ने हमराहियों के साथ गोपीनाथ को घर में घुसकर पीटा था। पीड़ित ने थानेदार व हमराहियों की पुलिस के उच्चाधिकारियों से शिकायत की, पर कोई कार्रवाई न होने पर सीजेएम कोर्ट में वाद दाखिल किया। कोर्ट के आदेश पर दीपन और उनके हमराहियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
इस मामले में दीपन को जमानत मिल गई थी। सीजेएम कोर्ट में केस चल रहा था। वर्ष 2014 के बाद दीपन पेश नहीं हुए। 2021 में केस फरेंदा सिविल जज की कोर्ट में चला गया।
कोर्ट ने कई बार नोटिस जारी किया लेकिन दीपन पेश नहीं हुए। सिविल जज ने रिकॉल वारंट जारी करके एसपी को दीपन को हाजिर कराने का आदेश दिया था। दीपन रिकॉल वारंट खारिज करने की अर्जी लेकर हाजिर हुए। कोर्ट ने उनकी अर्जी निरस्त करते हुए जेल भेज दिया।