पहाड़ी इलाकों पर हो रही लगातार बारिश का क़हर

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पहाड़ी इलाकों पर हो रही लगातार बारिश का क़हर

 

  • पहाड़ी इलाकों पर हो रही लगातार बारिश,

  • मैदानी इलाकों में क़हर देखने को मिल रहा है।


शारदा न्यूज़, संवाददाता।


मेरठ। पहाड़ी इलाकों पर हो रही लगातार बारिश का क़हर मैदानी इलाकों पर देखने को मिल रहा है। आलम यह है कि मैदानी इलाके पानी की मार को झेल रहे हैं और पहाड़ी इलाकों से बहकर आ रहा पानी लाखों के लिए आफत बना हुआ है। बता दें कि मेरठ के खादर क्षेत्र में भी ऐसे ही हालत है जहां ऐतिहासिक हस्तिनापुर क्षेत्र के बाद अब परीक्षितगढ़ का इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया है।

 

दरअसल मौसमी बारिश लगातार पहाड़ी इलाकों में अपना कहर 2:30 हुए हैं और उसी बारिश का पानी बहकर मैदानी इलाकों में आ रहा है। आलम यह है कि मेरठ के देहात क्षेत्र के हस्तिनापुर इलाके के बाद अब परीक्षितगढ़ क्षेत्र को बाढ़ के पानी ने अपनी चपेट में ले लिया है इन तस्वीरों में साफ तौर पर यह नजारा देखा जा सकता है कि किस तरह बाढ़ का पानी कहर ढाए हुए हैं और यहां रहने वाले लोग इस देवियां आपदा से जूझ रहे हैं।

आपको बता दे प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे मेरठ के देहात क्षेत्र के इलाकों में खरकाली, नीरपुर, दलपुर, अगवानपुर का बीका और कुंडा गांव शामिल हैं। वही स्थानीय गांव नीमका के रहने वाले लोगों का कहना है कि उनकी सारी जमीन गंगा में समा गई है जोकि 2500 बीघा की जमीन है जिसमें फसलों के साथ-साथ ट्यूबवेल लगाई गई थी और वो भी इस बाढ़ की चपेट में आ गई है।

स्थानीय लोगों को कहना है कि उनकी पहली प्राथमिकता यही है कि वो अपनी जमीन को बचा सके क्योंकि जिस तरीके से उनकी खेती की जमीन गंगा के अंदर समा जा रही है उसके चलते उनके आगे जीवन यापन करने का भी संकट खड़ा हो रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस परेशानी के चलते उनके घरों में चूल्हा भी बुझ चुका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाढ़ की वजह से गंगा का पानी उफान पर आकर उनकी जमीनों और फसलों को अपनी चपेट में ले चुका है और उनके सामने जीवन यापन करने की भी परेशानी खड़ी हो गई है। इन लोगों का कहना है कि सरकार के द्वारा इनका जीवन यापन करने के लिए गंगा की दूसरी जमीन दी जाए। साथ ही इन लोगों ने सरकार से अपने लिए गुहार लगाई है।

वहीं बाढ़ आने के बाद प्रशासनिक अमले में भी हड़कंप मचा हुआ है। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि परीक्षितगढ़ इलाके में बाढ़ के पानी से हो रहे कटान से लोग प्रभावित हो रहे हैं और जैसे-जैसे पानी का स्तर नीचे हो रहा है वैसे कटान की परेशानी बढ़ रही है।

अधिकारियों ने बताया कि 3 किलोमीटर के इलाके में 500 मीटर की जमीन कटान की वजह से क्षतिग्रस्त हुई है। साथ ही अधिकारियों का यह भी कहना है कि क्योंकि गांव यहां से 200 मीटर की दूरी पर है इसलिए प्राथमिकता यह है कि किस तरीके से गांव को इस आपदा से बचाया जाए। साथ ही अधिकारियों का यह भी कहना है कि कुछ इलाके ऐसे हैं जहां से फसलों में पानी जा रहा है और उसे भारी नुकसान हो रहा है इसके लिए भी बचाव कार्य किया जा रहा है और यह व्यवस्था बनाई जा रही है जिससे फसलों में पानी जाने से रोका जा सके। अधिकारियों ने बताया कि 5 , 6 गांव ऐसे हैं जो इस बाढ़ की चपेट में हैं और बचाव कार्यों के लिए लगातार प्रयास किया जा रहे हैं।

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