जनप्रतिनिधियों ने सितंबर में ही इसके लिए धनराशि जारी होने का किया था दावा।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। हापुड़ रोड को दिल्ली रोड से जोड़ने के लिए 45 मीटर चौड़े इनर रिंग रोड के लिए शासन ने स्वीकृति तो दे दी है, लेकिन फंड अभी तक जारी नहीं किया है। जबकि जनप्रतिनिधियों ने सितंबर में ही इसके लिए धनराशि जारी होने का दावा किया था। अब महीना बीतने में कुछ ही दिन शेष हैं।
मेरठ महायोजना-2021 में एनएच- 58 को मवाना रोड, गढ़ रोड, हापुड़ रोड, दिल्ली रोड से जोड़ने के लिए प्रस्ताव रखा था। लेकिन दशकों बाद भी मामला परवान नहीं चढ़ा। जुर्रानपुर रेलवे फाटक पर पिछले 13 साल से रेलवे की ओर से बनाया गया पुल हवा में लटका हुआ है। इसके दोनों ओर जमीन अधिग्रहण कर इनर रिंग रोड तैयार होनी थी। मौजूदा प्रस्ताव में इनर रिंग रोड की कुल लंबाई 34.19 किमी. है, जिसमें बाईपास से वेदव्यासपुरी योजना तक 2.4 किमी. मार्ग निर्मित है। वहीं वेदव्यासपुरी योजना के बाद रेलवे लाइन से दिल्ली रोड तक 1.2 किमी. मार्ग महायोजना मार्ग नहीं है।
वहीं हापुड़ रोड से लोहिया नगर नाले तक 1.96 किमी. भाग में 80 मीटर पर विवाद होने के कारण गढ़ रोड भी हापुड़ रोड से नहीं जुड़ सकी है। हाल ही में आयुक्त सेल्वा कुमारी जे. की ओर से विकास कार्यों को लेकर हुई बैठक में भी इस पर चर्चा हुई। इसके तहत मेडा ने जमीन अधिग्रहण के लिए लोक निर्माण विभाग से खर्चा वहन का प्रस्ताव रखा है। इसी के साथ सड़क निर्माण में आने वाले खर्चे को अपनी बाह्य विकास निधि से वहन करने की भी पेशकश की है। वहीं राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने जल्द पैसा जारी होने का इनर रिंग रोड शहर की लाइफ लाइन है।
मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय का कहना कि इनर रिंग रोड का निर्माण होने से बहुत राहत मिलेगी। इसके लिए सर्वे कराया गया है, जिसके तहत किसानों को मुआवजे की धनराशि लोक निर्माण विभाग देगा और सड़क निर्माण का खर्च मेरठ विकास प्राधिकरण उठाएगा।