शारदा रिपोर्टर मेरठ। बहुचर्चित फर्जी स्टाम्प घोटाले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। मामले में एक नया मोड़ तब आया जब आरोपी की जमानत कराने के लिए फर्जी जमानती पेश किए जाने का खुलासा हुआ। पुलिस तस्दीक के दौरान जमानती सक्षम प्रमाणित नहीं हो सके, जिसके बाद पूरी भूमिका संदिग्ध पाई गई। इसी आधार पर पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लेकर गिरफ्तार कर लिया है।
सिविल लाइन थाना पुलिस ने आरोपी अभय गुप्ता उर्फ सत्यप्रकाश विक्रम को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर पहले से ही छह गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। मामला दर्ज कर पुलिस टीम ने जमानत प्रक्रिया में लगे फर्जी जमानती का रिकॉर्ड खंगाला तो कई गड़बड़ियां सामने आईं।
एसपी सिटी आयुष कुमार ने पुलिस लाइन में प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि आरोपी के खिलाफ धारा 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 61(2) समेत कई धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपी जमानत के लिए फर्जी दस्तावेज और संदिग्ध जमानती पेश कर रहा है। जांच में यह तथ्य सही पाए गए।
थाना सिविल लाइन की पुलिस टीम ने क्षेत्र में छापेमारी कर आरोपी को दबोच लिया। आरोपी के खिलाफ पहले से दर्ज मुकदमों की भी जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि फर्जी जमानत प्रक्रिया में शामिल अन्य लोगों की भूमिका भी खंगाली जा रही है, जिसके आधार पर आगे और गिरफ्तारियाँ संभव हैं।
एसपी सिटी ने स्पष्ट किया कि फर्जी स्टाम्प घोटाला और उससे जुड़े जालसाजों के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति पर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने कहा है कि दस्तावेजों की जांच अभी जारी है और पूरे नेटवर्क की परतें खोली जा रही हैं।