Tuesday, October 14, 2025
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मेरा कान्हा सबसे सुंदर, देखिये फोटो खबर

शारदा रिपोर्टर मेरठ। आज देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। श्रद्धालुओं को अपनी कृष्ण भक्ति उजागर करने का अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर श्री कृष्णा जन्माष्टमी महोत्सव है। यह एक महत्वपूर्ण त्योहार है, विशेषकर हिन्दू धर्म की वैष्णव परम्परा में।

 

 

नोट : जन्माष्टमी पर्व पर शारदा एक्सप्रेस लेकर आया है खास मौका, अगर अपके बच्चे की उम्र पांच वर्ष या उससे कम है और वह कान्हा या राधा के रूप में सजे है तो उनकी प्यारी सी फोटो प्रकाशित की जाएगी इसके के लिए आप 17 अगस्त शाम पांच बजे तक सजे बच्चे का नाम और पता लिखकर हमें व्हाट्सएप नंबर 9045082580 पर भेज सकते है।

मेरा कान्हा सबसे सुंदर-

देखिये फोटो-

– यशस्वी, दबथुआ

 

– राघव, मलियाना

 

– शिवन्या, न्यू भगवतपूरा, मेरठ

 

– वियांश

 

– मायरा, माधव पुरम

 

– शिजा राज

 

– पार्थ, नई बस्ती

 

– आरना सैनी, जैन नगर

 

– ध्रुव सैनी, जैन नगर

 

– एसपी पब्लिक स्कूल, इंद्रा पुरम टी.पी नगर मेरठ

 

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नोट : जन्माष्टमी पर्व पर शारदा एक्सप्रेस लेकर आया है खास मौका, अगर अपके बच्चे की उम्र पांच वर्ष या उससे कम है और वह कान्हा या राधा के रूप में सजे है तो उनकी प्यारी सी फोटो प्रकाशित की जाएगी इसके के लिए आप 17 अगस्त शाम पांच बजे तक सजे बच्चे का नाम और पता लिखकर हमें व्हाट्सएप नंबर 9045082580 पर भेज सकते है।

 

 

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर चांद की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। कई भक्तजन इस दिन अपना उपवास चांद को अर्घ्य देने के बाद ही खोलते हैं। कहते हैं चंद्रमा की पूजा से भगवान कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि चांद की पूजा से पहले लड्डू गोपाल की विधि विधान पूजा जरूर कर लें। चलिए आपको बताते हैं आज चांद निकलने का समय क्या रहेगा।

जन्माष्टमी उत्तर भारत के ब्रज क्षेत्र में सबसे बड़ा त्योहार है, मथुरा जैसे नगरों में जहाँ श्री कृष्ण भगवान का जन्म हुआ था, और वृन्दावन में जहाँ वह पले-बड़े थे। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखण्ड, हिमाचल और पंजाब के सभी नगरों और गाँवों में जन्माष्टमी विशेष रूप से मनाते हैं। हिन्दू मन्दिरों को सजाया और जगमगाया जाता है जो दिन में कई आगन्तुकों को आकर्षित करते हैं। बहुत से कृष्ण भक्त भक्ति कार्यक्रम आयोजित करते हैं और रात्रि जागरण करते हैं। भक्तजन मिठाई- प्रसाद आदि बाँटते हैं। त्योहार सामान्य रूप से वर्षा ऋतु में पड़ता है जब ग्रामीण क्षेत्रों में खेत उपज से लदे होते है। और ग्रामीण लोगों के पास हर्षोल्लास मनाने का बहुत समय होता है।

 

 

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