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मोंटी और मनोज ने पहले ही जता दी थी अपनी हत्या की आशंका

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  • दोनों ने एक वीडियो में दो युवकों पर उनकी हत्या की आशंका जताते हुए लगाया था आरोप, दोनों आरोपी फरार।

शारदा रिपोर्टर

मेरठ। खरखौदा थाना क्षेत्र के पांची के जंगल में झांकियों में काम करने वाले दो युवकों की हत्या के मामले में पुलिस को मृतकों के मोबाइल से अहम सुराग हाथ लगा है। मोबाइल में मृतकों द्वारा बनाई गई एक वीडियो में उन्होंने चार दिन पहले ही अपनी हत्या की आशंका जता दी थी। पुलिस अब इसी दिशा में काम कर रही है, वहीं जिन युवकों पर हत्या का शक जताया गया था, वह अपने घरों से फरार हैं।

कैली गांव के कुछ ग्रामीण बुधवार शाम करीब पौने छह मेरठ-हापुड़ हाईवे पर अंडरपास से 100 मीटर दूर बाग के पास चकरोड से निकले तो दो युवक पड़े हुए थे। उन्होंने बाग की रखवाली करने वाले सुरेंद्र को बुलाकर दिखवाया तो दोनों युवक मृत थे।

खरखौदा पुलिस को इसकी सूचना दी गई। कुछ ही देर में पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस को मौके से एक मोबाइल बरामद हुआ। मोबाइल में मिले नंबर के आधार पर ही दोनों युवकों की पहचान हुई।

मौके पर मिले मोबाइल में मिले नंबर के आधार पर एक युवक की पहचान बिजौली गांव निवासी मनोज (18) पुत्र नरेश नाई और दूसरे की पहचान नरहाड़ा गांव निवासी मोंटी (20) पुत्र तिलक जाटव के रूप में हुई। एडीजी डीके ठाकुर, आईजी नचिकेता झा और एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। वारदात के खुलासे को पुलिस की पांच टीमें लगाई गई हैं। वहीं हत्या की वारदात को लेकर कई नए खुलासे हुए हैं।

वीडियो बनाकर दोस्त से जताई थी हत्या की आशंका

मनोज और मोंटी ने चार मई को ही जान का खतरा बताकर एक वीडियो बनाकर अपने मोबाइल में रख लिया था। बताया था कि कैली गांव के अंकुश और नवीन उनकी हत्या कर सकते हैं। अगर उनके साथ कुछ भी हुआ तो इसकी जिम्मेदारी उन दोनों की होगी।
पुलिस ने दोनों के घर दबिश दी तो दोनों फरार मिले। उनके मोबाइल भी बंद हैं। परिजनों ने बताया कि ये दोनों भी मृतकों के साथ काम करते थे। पुलिस ने दोनों के साथ काम करने वाले वाले कई लोगों को हिरासत में ले लिया है।

बेल्ट से गला दबाकर की गई हत्या: पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया है कि दोनों युवकों की हत्या बेल्ट से गला दबाकर की गई है। दोनों के गले पर निशान मिले हैं। मौके पर एक बेल्ट भी पड़ी मिली। पुलिस के अनुसार क्राइम सीन से लग रहा है कि हत्यारोपियों की संख्या दो से ज्यादा रही होगी। हत्यारोपी कैली गांव के आसपास के ही हो सकते हैं। पुलिस ने मोबाइल नंबरों के आधार पर कई लोगों को हिरासत में लिया है। इनसे पूछताछ की जा रही है। जल्द ही इस मामले में खुलासा हो सकता है।

परिजनों के मुताबिक मोंटी नरहाड़ा गांव से दोपहर दो बजे निकला था। मनोज बिजौली गांव से शाम चार बजे निकला, जबकि पौने छह बजे ग्रामीणों ने शव देखे हैं। बिजौली से कैली अंडरपास तक जाने में भी आधा घंटा लग ही जाता है। ऐसे में हत्याकांड को पांच बजे के करीब अंजाम दिया गया है। जहां वारदात हुई है कि वहां के बारे में जानकारी आसपास के व्यक्ति को ही हो सकती है, ऐसे में माना जा रहा है कि हत्याकांड को कैली गांव के आसपास के व्यक्ति ने अंजाम दिया है।

कई घंटे तक पहचान को उलझी रही पुलिस

मोंटी और मनोज के पास से पहचान का कोई दस्तावेज नहीं मिला था। दोनों के बाल लंबे थे। एक का हेयरबैंड पास में पड़ा हुआ था। एक युवक के हाथ पर मेहंदी रची हुई थी, पैर में काले धागे बंधे हुए थे। पुलिस को मौके से एक मोबाइल बरामद हुआ। मोबाइल में लॉक लगा हुआ था। पुलिस ने सिम निकालकर दूसरे मोबाइल में डालकर देखा तो तीन नंबर उसमें सेव मिले। एक नंबर बिजौली गांव का था। उस नंबर पर कॉल करने पर पता चला कि ये नंबर मनोज का है। इसके बाद दोनों के परिजनों को सूचना दी गई।

परिजनों ने किया हंगामा

मोंटू के परिजनों ने खरखौदा थाने पहुंचकर जमकर हंगामा किया। परिजनों का कहना था कि उनके पहुंचने से पहले पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए क्यों भेजा। पुलिस अधिकारियों के समझाने के बाद परिजन शांत हुए। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि दोनों युवक मनोज और मोंटी झांकियों में नाचने-गाने का काम करते थे। सूचना पर दोनों के परिजन थाने पहुंच गए। एसएसपी ने बताया कि हत्या के कारणों की जानकारी अभी सामने नहीं आई है। दोनों के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

दोनों के पैरों में थीं चप्पलें, पुलिस जता रही ये अंदेशा

पहले माना जा रहा था कि दोनों की हत्या कहीं दूसरी जगह करके यहां शव फेंके गए हैं। लेकिन जिस तरह से दोनों के पैर में चप्पलें मिली हैं, उससे लग रहा है कि वहीं पर हत्या की गई है। कहीं दूसरी जगह हत्या होती तो चप्पल पैर से निकल सकती थी। हो सकता है कि हत्यारोपियों ने मोंटी को वहां पहले बुलाया हो, इसके बाद मोंटी से फोन कराकर मनोज को बुलाया गया हो। पुलिस की पांच टीमें इन सारे बिंदुओं पर जांच कर रही है।

दोनों युवकों पर थी परिवारों की जिम्मेदारी, मचा कोहराम

मनोज और मोंटी झांकी और जागरण में नाचने-गाने का काम करते थे। मनोज पार्वती और मोंटी शिव का किरदार निभाता था। दोनों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी। मनोज के पिता नरेश मजदूरी करते हैं। मनोज का बड़ा भाई सनी है। माता निर्मला हैं। बहन बेबी की शादी हो चुकी है।

मोंटी के पिता की हो चुकी है मौत

मोंटी के पिता तिलकराम की मौत हो चुकी है। चार भाइयों रोबिन, निक्की, विकल में सबसे छोटा मोंटी था। बहन शिवानी और आशा की शादी हो चुकी है। माता समंतरा है। घर में कोई भाई काम नहीं करता है। मोंटी ही जागरण, झांकी आदि में जाकर परिवार का पालन करता था। दोनों की मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।

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